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Dausa News: चारागाह भूमि पर अवैध मिट्टी खनन की एनजीटी जांच शुरू, दबंगों और जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दौसा Published by: दौसा ब्यूरो Updated Sun, 15 Dec 2024 07:37 PM IST
दौसा जिले में चारागाह भूमि से अवैध मिट्टी खनन के मामले सामने आने के बाद एनजीटी ने भी चारागाह भूमि पर अपनी जांच शुरू कर दी है। इसके तहत आलूदा से लाडली का बास और छारेड़ा सड़क के बीच वाले हिस्से में पिछले दिनों किए गए अवैध मिट्टी खनन के मामले में मौका मुआयना किया गया। जानकारी के अनुसार पिछले दिनों यहां ढाणी नागोरी की चरागाह भूमि से कुछ लोगों के ने अवैध रूप से मिट्टी का खनन किया था। करीब 10 फीट तक मिट्टी की खुदाई कर बेचने का मामला सामने आया था। उसके बाद स्थानीय प्रशासन ने भी उन पर दबिश भी दी थी।
बताया जा रहा है कि इस मामले पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी की भोपाल टीम ने स्थानीय उपखंड और तहसील प्रशासन के साथ मौके पर जाकर निरीक्षण किया। आगे की कार्रवाई के दस्तावेज जुटाये गए हैं। आलूदा ग्राम पंचायत के छारेड़ा और लाडली का बास सड़क के बीच में काफी बीघा में होकर चरागाह भूमि है। इसमें आसपास के ग्रामीण अपने पशुओं को चराते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से इस भूमि पर भी लोगों के द्वारा अवैध कब्जे कर लिए गए हैं।
जानवरों के जीवन पर भी संकट
धीरे-धीरे सरकारी जमीन पर कब्जा करने के बाद कब्जेधारियों ने अवैध रूप से मिट्टी बेचने का कारोबार शुरू कर दिया। इसके बाद क्षेत्र से अभी तक हजारों की संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉलियों भरकर मिट्टी बेची जा चुकी है। ये अवैध खनन की मिट्टी से भारी ट्रालियां बाजार में होकर जाने के बावजूद भी इस जमीन के जिम्मेदारों ने अपनी आंखें बंद करना उचित समझा। इसके चलते दबंगों के हौसले बुलंद होते रहे और वो दबंग पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते रहे। इसी बीच अवैध मिट्टी का कारोबार खूब फलता और फूलता रहा है। यहां सच्चाई ये है कि इस तरहगाह भूमि से सैकड़ों गायों सहित कई तरह के जानवरों का पेट पालन होता था। चरागाह भूमि पर कब्जा होने के चलते जानवरों का जीवन भी संकट में पड़ गया और ये पशु दिन भर सड़कों पर भटकने लगे।
चारागाह भूमि पर खेती
पिछले कई महीनों से जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते सरकारी चारागाह भूमि पर कब्जा कर मिट्टी बेचने का कारोबार खूब फल फूलने बाद इन दबंगों ने इस चारागाह भूमि पर फसल बोने का भी हिम्मत कर दी है। जिसके बाद भी जिम्मेदार चुपचाप तमाशा देखते रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों एनजीटी की टीम ने मौके पर जाकर एक रिपोर्ट तैयार की है। इसके चलते अब जांच के दायरे में विस्तार होने की संभावना है। जिन दबंगों लोगों ने चारागाह भूमि पर अवैध अतिक्रमण किया हैं या अवैध रूप से मिट्टी का दोहन किया गया उनको नामजद चिन्हित करते हुए कोई बड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है।
उधर यशवंत मीना, उपखंड अधिकारी, नांगल राजावतान ने बताया कि पिछले दिनों भोपाल से आई एनजीटी की टीम जिसने मौके पर जाकर पूर्व में हो चुके अवैध मिट्टी खनन मामले पर रिपोर्ट तैयार की है। अब उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे के कार्रवाई तय हो पाएगी।
इधर अजय मधुकर, तहसीलदार, पापडदा ने इस मामले पर कहा कि उक्त प्रकरण में 91 की कार्रवाई की जा चुकी है। संबंधितों को नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई विचाराधीन है। अब जल्दी ही उनके खिलाफ कार्रवाई अमल मे आई जाएगी।
अब सबसे बड़ी और देखने वाली बात ये होगी कि जब एनजीटी की टीम की नजर इस जमीन पर पड़ी है तो कब तक दूध का दूध और पानी का पानी करते हुए एनजीटी की टीम इन दबंगों को और उन जिम्मेदारों को कितना आरोपित कर पाती है। ध्यान रहे यह मुद्दा 30 में 2024 को अमर उजाला ने उठाया उठाया था।
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