दौसा जिले में जिम्मेदारों की भेट चढ़ गया बांदीकुई के गुढ़ा कटला का रामावतार सैनी जिसे सरकारी सिस्टम ने मृत घोषित कर दिया और अब वह अपने आप को जिंदा बताने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। अब रामावतार सैनी अपने परिवार जनों के साथ जिला कलेक्टर के यहां गुहार लगाने पहुंचे हैं कि साहब मैं अभी जिंदा हूं। अब जिम्मेदार जांच की बात कर रहे हैं।
मामला दौसा जिले के बांदीकुई के गुढ़ा कटला निवासी रामावतार सैनी का है। रामावतार पत्थर का काम करता था और सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित है। दरअसल सरकारी सिस्टम ने रामावतार सैनी को कागजों में मृत घोषित कर दिया है। इस वजह से उसे सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। रामावतार सैनी सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित है और परिवार की आर्थिक हालत भी ठीक नहीं है। सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्ति को दवाइयां मुफ्त मिलती हैं। रामावतार को ये दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं, जिसके चलते परिवार की हालत और पतली होने लगी है।
राम अवतार सैनी का कहना है कि वह खुद और उसके परिवारजन इस सरकारी सिस्टम को कई बार चक्कर लगा चुके हैं। बताय कि मैं जिंदा हूं, अभी मरा नहीं हूं... मुझे सिलिकोसिस बीमारी ने घेरा हुआ है। मुझे सरकारी सिस्टम से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ चाहिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।सरकारी सिस्टम का नकरापन देखो जीवित व्यक्ति को कागजों में मृत घोषित तो कर दिया लेकिन अब उसे जिंदा नहीं किया गया। सिलिकोसिस पीड़ित रामवतार सैनी का कहना सरकारी महकमों की लापरवाही का दंश झेल रहा है। सरकारी सिस्टम है कि उसे जिंदा करने को तैयार ही नहीं है।
सिलिकोसिस पीड़ित के लिए सरकार से जो भी मिलती सुविधा मिलत है, रामावतार सैनी को नहीं मिल पा रही हैं। रामवातार अब जिला कलेक्टर के यहां गुहार लगाने पहुंचे हैं। रामावतार सैनी ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। बड़ा सवाल यह सिलिकोसिस पीड़ित जब जीवित है तो उसको किस आधार पर जिम्मेदारों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं, मामले को लेकर लालसोट अतिरिक्त जिला कलेक्टर मनमोहन मीणा का कहना है कि यह बात सही है कि रामावतार सैनी को सरकारी कागजों में मृत दिखाया हुआ है, जिसके चलते इसे सिलिकोसिस संबंधित सुविधा और लाभ नहीं मिल पा रहा है। किस स्तर पर गलती हुई है इसकी जल्द जांच करके पीड़ित को सुविधाएं दी जाएंगी।