जयपुर के माणकचौक थाना क्षेत्र में ज्वैलर की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में हुई करीब 1.5 करोड़ रुपये की नकबजनी का पुलिस ने खुलासा कर छह शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक आरोपी सेना में सेवारत फरार फौजी संदीप सिंह भी शामिल है, जो करीब डेढ़ साल से ड्यूटी से गैरहाजिर था। पुलिस ने उसके पास से कुछ चोरी का माल बरामद किया है, जबकि शेष की बरामदगी के प्रयास जारी हैं।
डीसीपी जयपुर उत्तर करण शर्मा ने बताया कि घटना 26 जून 2025 की रात को चौड़ा रास्ता स्थित अंकित ज्वैलरी क्रिएशन में हुई थी। मालिक अंकित खंडेलवाल ने अगले दिन ऑफिस खुला तो देखा कि खिड़की और अलमारी तोड़ी हुई थी तथा सोने-हीरे के जेवरात गायब थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने और मुखबिरों की मदद से आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की।
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मुख्य आरोपी फरार फौजी संदीप सिंह ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह आर्मी से फरार होकर लोन दिलाने का काम कर रहा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात धीरज से हुई, जिसने फर्म की जानकारी दी। फर्म में काम करने वाले नौकर अनिल की मदद से छह लोगों ने मिलकर वारदात की साजिश रची। सभी ने कई दिन रेकी करने के बाद रात में रस्सी के सहारे खिड़की तोड़कर यूनिट में घुसकर ज्वैलरी लूट ली। पूछताछ में संदीप ने खुलासा किया कि वह 1 जून को जयपुर के श्यामनगर में हुई थार कार आगजनी में भी शामिल था।
गिरफ्तार आरोपियों में धीरज मीणा (टोंक), अनिल चौरसिया (दिल्ली), विश्राम उर्फ जगदीश गुर्जर (बस्सी), कमल गुर्जर (सांगानेर), धीरेन्द्र सिंह (हिण्डौन) और फौजी संदीप सिंह (दौसा) शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच और मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग के बाद आरोपियों तक पहुंचा गया। मामले में फौजी संदीप के भाई भूपेन्द्र सिंह की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। माल खरीददारों और अन्य सहयोगियों की तलाश जारी है।
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