भोपाल के एम्स ब्लड बैंक से बड़े पैमाने पर प्लाज्मा चोरी के मामले में बागसेवनिया पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि आरोपी इंटरस्टेट गैंग बनाकर प्लाज्मा की काली बाजार में बिक्री कर रहे थे। चोरी किया गया प्लाज्मा महाराष्ट्र के नासिक और औरंगाबाद की निजी लैब्स को 5800 रुपये प्रति लीटर में बेचा गया था। पुलिस ने 1123 यूनिट प्लाज्मा बरामद किया है, जिसकी कीमत करीब 11.72 लाख रुपये है।
मुख्य आरोपी अंकित केलकर एम्स का आउटसोर्स कर्मचारी था। उसकी कंपनी का टेंडर 30 सितंबर 2025 को खत्म होने वाला था। इसी दौरान उसने अपने साथियों अमित जाटव और लक्की पाठक के साथ प्लाज्मा चोरी की साजिश रची। 18 से 27 सितंबर के बीच इन्होंने 1150 यूनिट एफएफपी प्लाज्मा चोरी किया। बाद में लक्की और उसके भाई दीपक पाठक ने यह प्लाज्मा नासिक के शाम बडगुजर और औरंगाबाद के करण चव्हाण को बेच दिया।
आरोपी दीपक पाठक विभिन्न ब्लड बैंकों से जुड़ा हुआ था और उसकी पत्नी भी ब्लड बैंक में काम करती थी। पुलिस का कहना है कि चोरी किए गए प्लाज्मा का इस्तेमाल फार्मा कंपनियां बायोमेडिकल दवाओं और जले हुए मरीजों के लिए एल्ब्यूमिन जैसी दवाओं में करती हैं।
एम्स के सुरक्षा अधिकारी के आवेदन पर 19 सितंबर को एफआईआर दर्ज हुई थी। जांच के दौरान डॉक्टर प्रतूल सिन्हा के बयान और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर गिरोह का पर्दाफाश किया गया। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है। एडिशनल डीसीपी गौतम सोलंकी ने बताया कि समय रहते कार्रवाई न होती तो यह गिरोह देश के कई राज्यों में प्लाज्मा की अवैध बिक्री कर सकता था।