जयपुर के मानसरोवर स्थित वी.टी. रोड हाउसिंग बोर्ड ग्राउंड में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय सामूहिक विवाह सम्मेलन का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस विशेष समारोह में भारत के विभिन्न प्रदेशों के नवयुगल के साथ कुल 25 जोड़ों ने वैदिक विधि-विधान से परिणय जीवन की शुरुआत की। सभी विवाह सहजयोग परंपरा के अनुसार पूर्ण श्रद्धा और भारतीय संस्कारों के साथ संपन्न हुए।
इस आयोजन की सबसे विशिष्ट बात यह रही कि नेपाल, रूस, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, ईरान और जापान से आए छह विदेशी जोड़ों ने क्रिश्चियन और मुस्लिम समाज से ताल्लुक रखने के बावजूद भारतीय वैदिक परंपरा को अपनाते हुए सात फेरे लिए। इन सभी जोड़ों ने भारतीय संस्कृति की आध्यात्मिक शक्ति, प्रेम और पारिवारिक मूल्यों के प्रति गहरी आस्था व्यक्त की। समारोह में भारतीय एवं विदेशी रीति-रिवाजों का ऐसा अद्भुत सम्मिलन देखने को मिला जिसने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया।
सुबह कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक हल्दी समारोह से हुई, जिसमें वर-वधुओं को चैतन्यित हल्दी लगाई गई। शाम को गणेश पूजन के पश्चात शाही अंदाज में बारात निकाली गई, जिसमें घोड़ी, बैंड-बाजे और शहनाई की मंगलध्वनियों ने वातावरण को उल्लासपूर्ण बना दिया। बारात के स्वागत में पुष्पवर्षा एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आकर्षक दृश्य देखने को मिला।
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मुख्य मंडप को भव्य सजावट से संवारकर गौरी-गणेश पूजन किया गया। हवन वेदी पर पुरोहितों की मंत्रोच्चारण ध्वनि के बीच नवदम्पतियों ने सात फेरे लेकर एक-दूसरे के प्रति आजीवन समर्पण का संकल्प लिया। देश-विदेश से आए हजारों सहजयोग साधकों ने विवाह उत्सव में भाग लेकर नवविवाहितों को आशीर्वाद प्रदान किया।
इस सामूहिक विवाह आयोजन ने 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भारतीय भावना को वैश्विक मंच पर उजागर किया। विभिन्न देशों, भाषाओं और धर्मों से जुड़े जोड़ों ने यह संदेश दिया कि प्रेम, शांति और सौहार्द ही मानवता का मूल आधार है। अंतरराष्ट्रीय वैवाहिक संगम के इस कार्यक्रम ने न केवल भारतीय संस्कृति की गरिमा बढ़ाई, बल्कि संस्कृतियों को जोड़ने वाली एक नई मिसाल भी स्थापित की।
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