राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने धर्मांतरण और आरक्षण को लेकर बड़ा बयान देकर नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) से जुड़े कोई भी व्यक्ति अगर धर्मांतरण करता है तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि चाहे धर्म परिवर्तन स्वेच्छा से किया गया हो या दबाव में, दोनों ही स्थितियों में आरक्षण का हक खत्म होना चाहिए।
‘आदिवासी इलाकों में बढ़ रहे धर्मांतरण के मामले’
मीणा ने आरोप लगाया कि राजस्थान के आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि यह गलत है कि कोई व्यक्ति ST आरक्षण का फायदा उठाए और साथ ही विदेशी सहायता भी प्राप्त करे। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार इस दिशा में कड़े कदम उठा रही है ताकि इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।
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‘धर्मांतरण विरोधी बिल में सख्त प्रावधान’
कृषि मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी बिल में संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब इसमें और सख्ती की गई है। संशोधित बिल के तहत धर्मांतरण के मामलों में सजा बढ़ाकर उम्रकैद तक कर दी गई है, वहीं 10 लाख से 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान भी जोड़ा गया है। मीणा ने कहा कि यह बिल आगामी बजट सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा।
एसआई भर्ती पर भी दी प्रतिक्रिया
धर्मांतरण और आरक्षण पर बयान देने के साथ ही किरोड़ी मीणा ने एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अगर किसी परीक्षा में एक भी उम्मीदवार गलत तरीके से चयनित हो जाता है तो पूरी परीक्षा रद्द करनी होती है। उन्होंने माना कि इससे मेहनत से पास हुए युवाओं का समय जरूर बर्बाद हुआ है, लेकिन कोर्ट के फैसले का पालन करना जरूरी है।
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युवाओं को दिया प्रेरणादायक संदेश
मीणा ने इस मौके पर युवाओं को हौसला भी दिया। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 1980 में वे चुनाव हार गए थे, लेकिन 1985 में कड़ी मेहनत से जीत दर्ज की। उन्होंने युवाओं से कहा कि हार से निराश होने की बजाय लगातार परिश्रम करना चाहिए, क्योंकि मेहनत से सफलता फिर हासिल की जा सकती है।