बालोतरा जिले के कल्याणपुर क्षेत्र के डोली गांव में गुरुवार को एक ऐसा मंजर सामने आया जिसने न केवल मानवता को झकझोर कर रख दिया, बल्कि वर्षों से उपेक्षित पड़ी एक गंभीर समस्या को फिर से सतह पर ला दिया। गांव के एक 16 वर्षीय किशोर के निधन के बाद जब परिजन उसका अंतिम संस्कार करने स्थानीय श्मशान घाट पहुंचे, तो वहां चार फीट तक जहरीले और बदबूदार पानी का भराव मिला। यह पानी जोधपुर की फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल युक्त प्रवाह का हिस्सा बताया जा रहा है, जो जोजरी नदी के जरिये इन क्षेत्रों में फैलता आ रहा है। श्मशान घाट में इस विषैले पानी के भराव के कारण मजबूरन परिजनों को शव लेकर लौटना पड़ा। इसके बाद गांव के लोगों ने आक्रोश प्रकट करते हुए शव को बाड़मेर-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-25 पर रखकर धरना शुरू कर दिया। देखते ही देखते यह विरोध प्रदर्शन उग्र होता चला गया और दोपहर करीब ढाई बजे शुरू हुआ यह आंदोलन शाम तक जारी रहा।
हाईवे जाम, लंबी कतारें, ठप हुई यातायात व्यवस्था
प्रदर्शनकारियों ने हाईवे के दोनों ओर आवागमन पूरी तरह से रोक दिया, जिससे दर्जनों छोटे-बड़े वाहन फंस गए और यातायात व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई। घटनास्थल पर कल्याणपुर थाना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे, लेकिन जब तक ग्रामीणों की तीन प्रमुख मांगों पर ठोस आश्वासन नहीं मिला, तब तक वे टस से मस नहीं हुए।
प्रदूषण के खिलाफ तीन प्रमुख मांगें रखीं ग्रामीणों ने
डोली गांव के ग्रामीणों ने फैक्ट्रियों से आ रहे प्रदूषित जल प्रवाह को बंद कराने, जहरीले पानी से फसलों और वातावरण को हुए नुकसान की भरपाई कराने तथा अंतिम संस्कार हेतु सुरक्षित और स्थायी वैकल्पिक स्थान की व्यवस्था करने जैसी तीन ठोस मांगों को प्रशासन के सामने रखा। आरएलपी नेता थानसिंह डोली ने स्पष्ट कहा कि अब ग्रामीण किसी भी मौखिक आश्वासन से संतुष्ट नहीं होंगे इस बार उन्हें लिखित और समयबद्ध समाधान चाहिए। लगभग पांच घंटे तक चले तनाव के बाद आखिरकार बालोतरा एसडीएम अशोक कुमार, तहसीलदार प्रवीण चौधरी, डिप्टी अशोक कुमार, बीडीओ महेश सिंह, सीआई बुद्धाराम सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसके कुछ समय बाद पचपदरा विधायक अरुण चौधरी भी घटनास्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों से संवाद कर स्थिति को शांत कराया। प्रशासन ने किशोर के शव का अंतिम संस्कार नजदीकी सरकारी भूमि पर वैकल्पिक रूप से करवाया और आश्वस्त किया कि भविष्य में ऐसी स्थिति न उत्पन्न हो, इसके लिए स्थायी समाधान की दिशा में कार्य होगा।
विधायक ने जताई चिंता, बताया विधानसभा में उठा चुके हैं मुद्दा
पचपदरा विधायक अरुण चौधरी ने कहा कि डोली, अराबा और कल्याणपुर जैसे कई गांव लंबे समय से इस गंभीर प्रदूषण संकट से जूझ रहे हैं। यह केवल एक स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि मानवीय और पर्यावरणीय संकट है। उन्होंने बताया कि वे यह मुद्दा कई बार राजस्थान विधानसभा में उठा चुके हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जोधपुर में अपशिष्ट जल शोधन हेतु एक ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 276 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। साथ ही जोजरी नदी को पुनर्जीवित करने की दिशा में भी सर्वे कार्य की मांग की गई है।
15 दिन की डेडलाइन, नहीं तो फिर आंदोलन
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से वार्ता के बाद ग्रामीणों ने 15 दिन की समयसीमा तय की है। आरएलपी नेता थानसिंह डोली ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि यदि तय समय के भीतर ठोस कार्रवाई शुरू नहीं हुई, तो गांववासी फिर से विरोध के लिए मजबूर होंगे और यह आंदोलन इस बार पहले से बड़ा होगा।