झालावाड़ में हुए स्कूल हादसे के बाद प्रदेश भर में शिक्षा विभाग हरकत में आया है। जोधपुर जिले में भी कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिनकी इमारतें जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी हैं। हादसे की आशंका को देखते हुए विभाग के अधिकारी अब फील्ड में उतरकर निरीक्षण और रिपोर्टिंग का कार्य शुरू कर चुके हैं।
लूणी क्षेत्र में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी शमीम ने विद्यालयों का निरीक्षण किया और जर्जर भवनों का जायजा लिया। उन्होंने राउप्रावि वादियों की ढाणी स्कूल का निरीक्षण करते हुए पाया कि भवन की दीवारों में गहरी दरारें हैं और कुछ अन्य हिस्सों में भी गंभीर कमियां हैं। उन्होंने पीईईओ को निर्देश दिए कि जब तक भवन की मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक बच्चों को सुरक्षित स्थान जैसे विद्यालय के हॉल में बैठाया जाए।
इसके साथ ही जर्जर पंचायत भवन को लेकर ग्राम पंचायत से प्रस्ताव बनाने और विद्यालय भवन के लिए एसडीएमसी बैठक में प्रस्ताव पारित कर जिला कलेक्टर को रिपोर्ट भेजने के निर्देश भी दिए गए। सीबीईओ ने स्पष्ट किया कि सभी पीईईओ को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी हालत में बच्चों को जर्जर भवन में नहीं बैठाया जाए।
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जोधपुर के कुड़ी क्षेत्र में स्थित राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल में भी हालात चिंताजनक हैं। स्कूल भवन को चार साल पहले ही बंद कर दिया गया था क्योंकि वह जर्जर हो चुका था। तब से कई कक्षाएं पेड़ों के नीचे चल रही हैं। प्रिंसिपल ने बताया कि उन्होंने कई बार विभागीय अधिकारियों को पत्र भेजकर मरम्मत के लिए बजट मांगा है लेकिन अब तक कोई बजट स्वीकृत नहीं हो पाया।
इस पूरे मामले से यह साफ है कि जोधपुर जिले में भी हादसों की आशंका वाले कई स्कूल भवन मौजूद हैं। झालावाड़ की तरह कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए प्रशासन को जल्द और ठोस कदम उठाने होंगे। शिक्षा विभाग ने अब जमीनी रिपोर्ट तैयार करनी शुरू की है, लेकिन असली चुनौती इन भवनों की समय पर मरम्मत और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की है।