केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि वे गहलोत को कभी माफ नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने उनकी दिवंगत माता पर सार्वजनिक रूप से गंभीर और अपमानजनक आरोप लगाए थे। शनिवार को जोधपुर सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए शेखावत ने कहा कि गहलोत डिफेमेशन केस को लेकर मीडिया के माध्यम से माफी की बात कर रहे हैं, लेकिन यह केवल एक औपचारिकता है, जो स्वीकार्य नहीं है।
शेखावत ने कहा कि मैं उस क्षण को कभी नहीं भूल सकता, जब गहलोत ने मेरी स्वर्गीय माताजी को लेकर इसी सर्किट हाउस के बाहर अपमानजनक बातें कही थीं। अब वे मीडिया के जरिए खेद जता रहे हैं लेकिन उन्होंने कभी व्यक्तिगत रूप से आकर माफी नहीं मांगी। यह केवल दिखावा है।
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आपातकाल के मुद्दे पर भी शेखावत ने कांग्रेस और गहलोत पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो पार्टी आज संविधान की रक्षा की बात कर रही है, उसने ही 1975 में संविधान और लोकतंत्र की हत्या की थी। कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं का दमन किया, मीडिया का गला घोंटा और लोगों को बिना वजह जेल में ठूंसा। इतिहास इसे कभी माफ नहीं करेगा।
शेखावत ने सवाल किया कि क्या जबरन नसबंदी के शिकार लोग, जिनके जीवन तबाह हो गए, उस दर्द को भूल पाएंगे? क्या मौलिक अधिकारों का हनन क्षमा योग्य है? उन्होंने कहा कि जनसंघ और बाद में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए गांव-गांव जाकर अलख जगाई और बलिदान दिए। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता के लिए संविधान से खिलवाड़ कर रही थी, तब हमारे कार्यकर्ता लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल जा रहे थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज खुद को संविधान का रक्षक बताने की कोशिश कर रही है, जबकि इतिहास गवाह है कि वही पार्टी आपातकाल जैसे अमानवीय फैसलों की जनक रही है, उन्होंने कहा कि जो आज संविधान की किताब जेब में लेकर घूमते हैं, वही कल उसे कुचल रहे थे।