भरतपुर जिले के करवाड़ी पीलूपुरा गांव में 8 जून को प्रस्तावित गुर्जर महापंचायत की तैयारियों को लेकर समाज में व्यापक स्तर पर जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। करौली, भरतपुर, बूंदी, कोटा, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक सहित राजस्थान के विभिन्न जिलों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश तक समाज के कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों को महापंचायत में शामिल होने का आमंत्रण दे रहे हैं।
पारंपरिक परंपरा के अनुसार पीले चावल बांटकर आमंत्रण दिया जा रहा है, जिसे समाज में विशेष महत्व दिया जाता है। समाज के नेता, युवा और कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को महापंचायत की अहमियत समझा रहे हैं। महापंचायत में मुख्य रूप से 2007 और 2008 के आरक्षण आंदोलनों के दौरान मारे गए युवाओं के परिजनों को सरकारी नौकरी देने, आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने, देवनारायण बोर्ड की बैठक बुलाने तथा समाज को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने जैसी लंबित मांगों पर चर्चा की जाएगी।
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गुर्जर नेता हकीम बैसला ने बताया कि यदि 8 जून से पहले सरकार समाज की मांगों पर सकारात्मक कदम उठाती है, तो यह एक स्वागतयोग्य पहल होगी। लेकिन अगर सरकार ने समाज की मांगों की अनदेखी की, तो महापंचायत में आगामी आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। समाज के वरिष्ठ लोगों का कहना है कि अब और इंतजार नहीं किया जाएगा। यदि सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई, तो महापंचायत के मंच से बड़े आंदोलन की घोषणा की जा सकती है।
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