राजगढ़ में ब्यावरा शहरी थाना प्रभारी वीरेंद्र धाकड़ और फरियादी प्रतीक के बीच हो रही गुफ्तगू का एक ऑडियो सामने आया है, जिसमें फरियादी पर साहब नाराज होकर अभद्र व्यवहार करते हुए सुनाई दे रहे हैं। इसकी पुष्टि फरियादी के अलावा मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने भी की है।
जानकारी के मुताबिक ब्यावरा शहर में निवास करने वाले फरियादी प्रतीक पुष्पद का विवाह वर्ष 2021 में गुना जिले के राघौगढ़ में हुआ था। लेकिन परिवारिक विवाद के चलते उनकी पत्नी ने उन पर घरेलू हिंसा का प्रकरण राघौगढ़ थाने में दर्ज कराया, जो न्यायालय में लंबित है। उसी प्रकरण में राजीनामा और सहमति से तलाक कराने की बात को लेकर प्रतीक ने ब्यावरा के एक प्रतिष्ठित व्यापारी नीरज मंगल के पास 15 से 20 तौला सोना और 5 लाख रुपये नगदी अमानत के तौर पर रखे थे। इसमें आपस में गवाहों के समक्ष ये करार हुआ था कि यदि प्रतीक का सुसराल पक्ष राजीनामा करने और सहमति से तलाक देने की बात मान जाता है तो नीरज मंगल प्रतीक से लिए गए आभूषण और नगदी प्रतीक के ससुराल पक्ष को दे देगा और इनका सहमति से राजीनामा न होने पर आभूषण और नगदी प्रतीक को लौटा दिए जाएंगे। लेकिन, 10 माह बीत जाने के बाद भी न तो दोनों परिवारों के बीच समझौता हुआ न सहमति से तलाक और न ही नीरज मंगल में प्रतीक को पैसे और आभूषण वापस किए।
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प्रतीक का आरोप है कि आभूषण और पैसे वापस मांगने पर उसे नीरज मंगल और उसके भाई विक्की मंगल द्वारा लगातार धमकियां दी जा रही हैं। इसकी शिकायत उसके द्वारा ब्यावरा सिटी थाने में दर्ज कराई गई, लेकिन सुनवाई न होने के चलते राजगढ़ एडिशनल एसपी को उसने इस मामले से अवगत कराया। जिनके कहे अनुसार वह 30 मई को ब्यावरा सिटी थाने में पहुंचा, जहां समाज के लोगों के सामने ब्यावरा शहरी थाना प्रभारी वीरेंद्र धाकड़ उसकी पीड़ा सुनाने के दौरान उसी पर ही भड़क गए और उसे बाहर निकाल दिया। इसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग भी प्रतीक ने उपलब्ध कराई है, वहीं पूरे मामले की दोबारा से शिकायत एडिशनल एसपी और एसपी से की गई है। उक्त आरोपों को लेकर राजगढ़ एडिशनल एसपी और ब्यावरा शहरी थाना प्रभारी वीरेंद्र धाकड़ से फोन पर संपर्क करने के प्रयास किए गए, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
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ब्यावरा सिटी थाने में हुए घटनाक्रम और प्रतीक की शिकायत को लेकर पुष्पद समाज के अध्यक्ष भोला राम कहते हैं कि प्रतीक ने नीरज मंगल को दोनों परिवारों के बीच समझौता होने की शर्त पर सोने की रकम और नगदी दिए थे, लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ। अब प्रतीक की रकम वापस भी नहीं दी जा रही है। उस दिन टीआई साहब प्रतीक पर नाराज भी हुए थे। नीरज मंगल प्रतीक द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहते हैं कि जिस व्यक्ति ने इसकी रकम मेरे पास रखवाई थी वह मुझसे ले जा चुका है, जिसकी मेरे पास पावती भी है लेकिन मुझे इस मामले में जबरन ही घसीटा जा रहा है।