राजस्थान के महवा विधानसभा क्षेत्र में पंचायत समिति के गठन को लेकर दो गांवों खेड़ला बुजुर्ग और खोहरा मुल्ला के बीच तीखा विवाद छिड़ गया है। यह मुद्दा अब केवल प्रशासनिक मांग तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राजनीतिक रंग ले चुका है, क्योंकि दोनों गांव राजस्थान की राजनीति के दिग्गज नेताओं के पैतृक स्थान हैं। खेड़ला बुजुर्ग के ग्रामीणों ने खोहरा मुल्ला को प्राथमिकता दिए जाने पर कड़ा विरोध जताया है। इस मुद्दे ने क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है।
दो गांव, दो दिग्गजों का गढ़
खेड़ला बुजुर्ग गांव कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्य सचेतक दिवंगत हरिसिंह महुआ का पैतृक गांव है, जो क्षेत्र में अपनी गहरी राजनीतिक पकड़ के लिए जाना जाता है। दूसरी ओर, खोहरा मुल्ला गांव वर्तमान भजनलाल सरकार में पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा और महवा विधायक राजेंद्र मीणा का पैतृक गांव है। दोनों गांव पंचायत समिति का दर्जा हासिल करने के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं। हालांकि खोहरा मुल्ला को प्राथमिकता मिलने की खबरों ने खेड़ला बुजुर्ग के ग्रामीणों में असंतोष पैदा कर दिया है। उन्होंने इसे राजनीतिक पक्षपात का परिणाम बताया है।
यह भी पढ़ें- Jaipur News: अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को याद कर वसुंधरा बोलीं- राशन हो या शासन, महिलाएं हर भूमिका में निपुण
खेड़ला बुजुर्ग में महापंचायत
खेड़ला बुजुर्ग में हाल ही में छह घंटे तक चली एक महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें पंचायत समिति के गठन की मांग को लेकर ग्रामीणों ने अपनी रणनीति तैयार की। इस महापंचायत में सैकड़ों ग्रामीणों ने हिस्सा लिया और सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। ग्रामीणों का कहना है कि खोहरा मुल्ला को केवल इसलिए पंचायत समिति का दर्जा दिया गया, क्योंकि यह एक मंत्री का गांव है। उन्होंने आरोप लगाया कि खेड़ला बुजुर्ग सभी आवश्यक पात्रताओं को पूरा करता है, फिर भी उनकी मांग को नजरअंदाज किया जा रहा है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि विरोध के चलते उनकी पंचायत का बैंक खाता तक फ्रीज कर दिया गया, जिसने उनके आक्रोश को और बढ़ा दिया।
प्रशासन ने दिया आश्वासन
महापंचायत में दौसा के अतिरिक्त जिला कलेक्टर (एडीएम) रामस्वरूप चौहान भी मौजूद रहे। उन्होंने ग्रामीणों की भावनाओं को समझते हुए आश्वासन दिया कि खेड़ला बुजुर्ग में पंचायत समिति बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीणों की मांग को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। इस दौरान पूर्व जिला प्रमुख अजीत सिंह महुआ ने सरकार को भेजे जाने वाले प्रस्ताव की प्रति मांगी, जिसके लिए एडीएम ने सहमति जताई। प्रशासन के इस आश्वासन के बावजूद, ग्रामीणों का कहना है कि वे तब तक अपनी मांग पर अडिग रहेंगे, जब तक ठोस कार्रवाई नहीं हो जाती।
आंदोलन की दी चेतावनी
इस पूरे आंदोलन का नेतृत्व पूर्व जिला प्रमुख अजीत सिंह महुआ कर रहे हैं, जिन्होंने सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर तीन दिनों के भीतर जनभावनाओं के अनुरूप निर्णय नहीं लिया गया, तो क्षेत्र की सभी पंचायतों के लोग जयपुर कूच करेंगे और मंत्रियों का घेराव करेंगे। इसके साथ ही इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में रिट दायर करने की भी योजना बनाई जा रही है। अजीत सिंह ने कहा कि खेड़ला बुजुर्ग के लोगों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और वे अपनी मांग को लेकर हर स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे।
यह भी पढ़ें- Rajasthan News: जोधपुर में रेलवे की नई पहल, प्रदेश का पहला वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो ले रहा आकार
खोहरा मुल्ला की पैरवी
दूसरी ओर, खोहरा मुल्ला को पंचायत समिति बनाने के लिए पूर्व कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा और महवा विधायक राजेंद्र मीणा सक्रिय रूप से पैरवी कर रहे हैं। उनका तर्क है कि खोहरा मुल्ला क्षेत्र के विकास और प्रशासनिक सुविधाओं के लिए उपयुक्त स्थान है। इस पक्ष ने भी अपनी मांग को मजबूती से रखा है, जिसने इस विवाद को और जटिल बना दिया है।