भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय जवान पीके शॉ की सुरक्षित रिहाई की मांग ने अब जन आंदोलन का रूप लेना शुरू कर दिया है। कोटा में कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में आम नागरिक, छात्र, महिला समूह और राजनीतिक कार्यकर्ता शामिल हुए।
इस अभियान का आयोजन महिला कांग्रेस शहर जिला अध्यक्ष व पार्षद शालिनी गौतम और पूर्व कांग्रेस जिला सचिव स्वप्निल शर्मा के नेतृत्व में तलवंडी चौराहे पर किया गया। चौराहे पर लोगों की भीड़ न केवल हस्ताक्षर करने पहुंची, बल्कि उन्होंने भावनात्मक संदेशों के जरिए भी अपने गुस्से और चिंता को आवाज दी।
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‘यह एक परिवार की नहीं, पूरे राष्ट्र की जिम्मेदारी है’
अभियान की अगुवाई कर रहीं शालिनी गौतम ने कहा कि यह लड़ाई किसी एक सैनिक या उसके परिवार की नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की आत्मा की लड़ाई है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जवान पीके शॉ को पाकिस्तान की कैद से छुड़ाना सिर्फ सरकार की नहीं, हर भारतीय की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हस्ताक्षर अभियान सिर्फ शुरुआत है। अगर सरकार चुप्पी साधे रखती है, तो हम कोटा से लेकर दिल्ली तक जन आंदोलन छेड़ेंगे। जरूरत पड़ी तो संभागीय आयुक्त कार्यालय का घेराव भी किया जाएगा।
भावुक संदेशों में दिखा जनाक्रोश
इस अभियान के दौरान कई लोगों ने ऐसे संदेश लिखे जिन्होंने वहां मौजूद लोगों की आंखें नम कर दीं। एक संदेश में लिखा गया कि सेना के जवान देश की रक्षा करते हैं, अब समय आ गया है कि देश की जनता उनके लिए खड़ी हो। एक अन्य संदेश में लिखा गया कि देश की मिट्टी की पुकार है- अपने सपूत को वापस लाओ। इस दौरान युवाओं और महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उनका कहना था कि सरकार को केवल भाषण नहीं देना चाहिए, बल्कि ठोस राजनयिक कार्रवाई करनी चाहिए जिससे भारत के जवान को सम्मानपूर्वक वापस लाया जा सके।
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केंद्र सरकार को दी चेतावनी
पूर्व कांग्रेस सचिव स्वप्निल शर्मा ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार की चुप्पी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह आंदोलन पूरे राजस्थान और देशभर में फैल जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को केवल राजनीतिक तौर पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और आत्मसम्मान से जुड़ा मानती है।
जवान की वापसी पर टिकी देश की नजरें
जवान पीके शॉ पिछले 11 दिनों से पाकिस्तान की कैद में हैं। उनकी रिहाई को लेकर न तो पाकिस्तान की ओर से कोई स्पष्ट बयान आया है और न ही भारत सरकार की तरफ से कोई ठोस जानकारी दी गई है।