राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कोटा जिले के कनवास में निर्माणाधीन पॉलिटेक्निक कॉलेज का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान निर्माण सामग्री और कार्य की गुणवत्ता को लेकर गंभीर खामियां सामने आने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई।
निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर आपत्ति
निरीक्षण के समय कॉलम में क्रेशर डस्ट भरी जा रही थी और बनास सैंड बिना छाने उपयोग में ली जा रही थी। इस पर मंत्री नागर ने स्पष्ट रूप से आपत्ति जताई और कहा कि निर्माण कार्य में निर्धारित मानकों का पालन अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि जॉन-2 की सैंड का उपयोग किया जाना चाहिए था।
एक्सईएन को मौके पर फटकार
ऊर्जा मंत्री ने राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड के एक्सईएन रामप्रसाद जाटव को फोन कर निर्माण कार्य की स्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि पूरे निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी और यदि निर्माण मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया तो पूरा स्ट्रक्चर तुड़वा दिया जाएगा।
तकनीकी जांच के दिए निर्देश
मंत्री नागर ने आरसीसी कार्य के दौरान जेईएन की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करने, ऑटो मिक्सचर प्लांट लगाने और क्यूब भरकर निर्माण सामग्री की टेस्टिंग कराने के निर्देश दिए। उन्होंने उपयोग में लिए जा रहे सीमेंट और सरिये की जानकारी मांगी तथा सरिये की मोटाई और वजन मापने को भी कहा।
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ड्राइंग और डिजाइन से मिलान पर जोर
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने ड्राइंग और डिजाइन मंगवाकर उसे निर्माण सामग्री और कार्य से मिलान किया। साथ ही उन्होंने निर्माण स्थल पर प्रयोगशाला स्थापित करने के निर्देश दिए, ताकि सामग्री की नियमित टेस्टिंग हो सके।
ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट कहा कि बच्चों के भविष्य से किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निर्माण कार्य की निगरानी में किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
9 करोड़ की लागत से बन रहा पॉलिटेक्निक कॉलेज
कनवास में पॉलिटेक्निक कॉलेज का नया भवन दूधियाखेड़ी माताजी मंदिर के पास बनाया जा रहा है। यह परियोजना बजट घोषणा वर्ष 2025-26 के अंतर्गत स्वीकृत हुई है, जिसके लिए निदेशक तकनीकी शिक्षा की ओर से 9 करोड़ रुपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई थी। कॉलेज का निर्माण राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड द्वारा कराया जा रहा है। इस संस्थान से कनवास सहित देवली, सांगोद और बपावर क्षेत्र के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।