राजस्थान ही नहीं बल्कि विश्वभर में विख्यात खाटूश्याम मंदिर कमेटी के हालिया चुनावों को लेकर विवाद सामने आया है। देवस्थान विभाग की ओर से मार्च 2026 में चुनाव कराने के स्पष्ट आदेश जारी किए गए थे, इसके बावजूद मंदिर कमेटी के चुनाव संपन्न करा दिए गए। इस पर पूर्व अध्यक्ष पृथ्वी सिंह चौहान ने आपत्ति जताते हुए सवाल खड़े किए हैं।
‘आदेश के बाद भी क्यों हुए चुनाव’
मंदिर कमेटी के पूर्व अध्यक्ष पृथ्वी सिंह चौहान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब देवस्थान विभाग ने स्पष्ट रूप से मार्च 2026 में चुनाव कराने के निर्देश दिए थे, तो फिर वर्तमान में चुनाव कराना समझ से परे है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री अपनी मनमर्जी से निर्णय ले रहे हैं और नियमों की अनदेखी की जा रही है।
बैठक में सर्वसम्मति के बावजूद बदला निर्णय
पृथ्वी सिंह चौहान ने बताया कि पिछले महीने आयोजित एक बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि कमेटी के चुनाव मार्च 2026 में होंगे। इसके बावजूद कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान और निर्वाचन अधिकारी मोहन सिंह ने आपसी मिलीभगत से चुनाव प्रक्रिया पूरी करवाई। इस चुनाव में शक्ति सिंह को अध्यक्ष, मानवेंद्र सिंह चौहान को मंत्री और रवि सिंह चौहान को कोषाध्यक्ष चुना गया।
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कोरम नहीं बनने के बावजूद जारी हुआ चुनाव नोटिस
पूर्व अध्यक्ष के अनुसार उन्होंने कालू सिंह, इंदर सिंह सहित एक अन्य सदस्य के साथ मिलकर 10 दिसंबर को देवस्थान विभाग को पत्र लिखा था। पत्र में उल्लेख किया गया कि 9 दिसंबर को बुलाई गई बैठक में कोरम पूरा नहीं हुआ था, इसके बावजूद चुनाव का नोटिस जारी कर दिया गया। इसे नियमों के विपरीत बताया गया है।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
पृथ्वी सिंह चौहान ने कहा कि इस पूरे मामले की शिकायत जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक से भी की गई है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि तथ्यों की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए, ताकि मंदिर कमेटी के संचालन में पारदर्शिता और नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके।