श्रीगंगानगर जिले में संगरिया पंचायत समिति के गांव सिंहपुरा में प्रस्तावित बायो एथेनॉल फैक्टरी के खिलाफ किसानों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर खैरूवाला टोल प्लाजा पर आयोजित महापंचायत में आस-पास के दर्जनों गांवों से हजारों किसान एकजुट हुए और फैक्टरी का पुरजोर विरोध किया। इस दौरान किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि 28 जनवरी से पहले फैक्टरी हटाने का फैसला नहीं लिया गया, तो टोल प्लाजा पर बड़ी महापंचायत होगी, जिसमें आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी।
संघर्ष समिति के सदस्य परमिंदर खीचड़ ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि टिब्बी के राठीखेड़ा क्षेत्र की तरह सादुलशहर सीमा में एथेनॉल फैक्टरी लगाना लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होगा। इससे पानी और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचेगा, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी हालत में यह फैक्टरी यहां नहीं लगने दी जाएगी।
महापंचायत में किसानों ने एक स्वर में फैक्टरी विरोधी नारे लगाए और प्रशासन से तत्काल निर्माण कार्य रोकने की मांग की। सभा के बाद किसानों ने संगरिया एसडीएम को ज्ञापन सौंपा, जिसमें फैक्टरी का काम बंद कराने की अपील की गई। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि जब तक स्थानीय लोगों की सहमति नहीं बनती, तब तक फैक्टरी में कोई काम शुरू नहीं होगा। साथ ही किसानों की मांग-पत्र को सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया गया।
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235 करोड़ की लागत से प्रस्तावित फैक्टरी
संगरिया-अबोहर मार्ग पर सिंहपुरा गांव के चक 27 AMP में 42 बीघा जमीन पर भारत बायोएथनॉल प्राइवेट लिमिटेड की यह फैक्टरी प्रस्तावित है। जमीन पर चारदीवारी का निर्माण हो चुका है। फैक्टरी में प्रतिदिन 200 KLPD बायो एथेनॉल उत्पादन की योजना है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, यह क्षमता 74 KLPD प्रतिदिन हो सकती है। किसान इस फैक्टरी को क्षेत्र के लिए खतरा मान रहे हैं और आंदोलन को तेज करने का संकल्प ले चुके हैं।
हनुमानगढ़ जिले में एथेनॉल फैक्टरियों को लेकर विवाद नया नहीं है। टिब्बी क्षेत्र में पहले से चल रहे विरोध के बाद अब संगरिया में भी किसान एकजुट होकर मैदान में उतर आए हैं। आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र होने के आसार हैं।