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Bihar News: एनटीपीसी नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन में आग, करोड़ों का नुकसान लेकिन कोई हताहत नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, औरंगाबाद
Published by: अमर उजाला ब्यूरो
Updated Fri, 19 Dec 2025 08:50 PM IST
सार
बिहार के औरंगाबाद जिले के नबीनगर स्थित एनटीपीसी सुपर थर्मल पावर स्टेशन के निर्माणाधीन स्टेज-2 के सीटी-1 बी कूलिंग टावर में शुक्रवार दोपहर अचानक आग लग गई।
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जलता हुआ कूलिंग टावर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बिहार के औरंगाबाद जिले के नबीनगर स्थित एनटीपीसी लिमिटेड के नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन (NSTPS) में शुक्रवार को दोपहर अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद सभी कर्मी आग बुझाने में जुट गए। एनटीपीसी पावर प्लांट की फायर ब्रिगेड की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन पावर प्लांट को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
निर्माणाधीन स्टेज-2 के सीटी-1 बी कूलिंग टावर में लगी आग
मिली जानकारी के अनुसार, पावर प्लांट के निर्माणाधीन स्टेज-2 के सीटी-1 बी कूलिंग टावर में वेल्डर्स वेल्डिंग का कार्य कर रहे थे। इसी दौरान वेल्डिंग के दौरान निकली चिंगारी पास में रखे केबल पर गिर गई, जिससे आग भड़क उठी। टावर में तेल, केबल और अन्य ज्वलनशील सामग्री मौजूद थी, जिससे आग तेजी से फैली और टावर का बड़ा हिस्सा चपेट में आ गया।
धुएं का गुब्बार दूर-दराज के इलाकों से भी देखा गया
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग लगने की शुरुआत टावर के ऊपरी हिस्से से हुई और तेजी से नीचे की ओर फैल गई। टावर में मौजूद प्लास्टिक और फाइबर सामग्री ने आग को और विकराल बना दिया। दूर-दराज के इलाकों से भी धुएं का गुब्बार आसमान में उठता देखा गया, जिससे स्थानीय लोगों में डर और दहशत का माहौल बन गया।
प्लांट प्रबंधन में मची अफरा-तफरी, तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू
अगलगी की सूचना मिलते ही प्लांट प्रबंधन में अफरा-तफरी मच गई और तुरंत अग्निशमन दल को बुलाया गया। एनटीपीसी की आंतरिक फायर सेफ्टी टीम के साथ स्थानीय दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। करीब दो से तीन घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक सीटी-1 बी कूलिंग टावर को भारी नुकसान हो चुका था। टावर में लगे केबल, तेल और अन्य उपकरण पूरी तरह जल गए।
ये भी पढ़ें- Bihar Election 2025 : भारत निर्वाचन आयोग घिर गया; विपक्ष को जीतन राम मांझी ने कैसे दे दी ताकत?
करोड़ों के नुकसान का अनुमान, कोई हताहत नहीं
प्रारंभिक आकलन के मुताबिक, इस हादसे में करोड़ों रुपये की संपत्ति के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। राहत की बात यह रही कि आग लगते ही टावर के आसपास काम कर रहे कर्मियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
शॉर्ट सर्किट या तकनीकी खामी की संभावना
सूत्रों का कहना है कि शॉर्ट सर्किट या तकनीकी खामी के कारण आग लगने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, वास्तविक कारणों की पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी।
उच्च स्तरीय जांच समिति गठित
एनटीपीसी प्रबंधन ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। एक तकनीकी टीम को नुकसान का आकलन करने और अगलगी के कारणों का पता लगाने के लिए लगाया गया है। घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने बड़े औद्योगिक परिसर में आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए थे। एनटीपीसी प्रबंधन का कहना है कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता है और आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई के कारण बड़ा हादसा टल गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि कूलिंग टावर बिजली उत्पादन की अहम इकाई होती है। टावर के क्षतिग्रस्त होने से उत्पादन अस्थायी रूप से प्रभावित हो सकता है। एनटीपीसी ने भरोसा दिलाया है कि वैकल्पिक व्यवस्थाओं के जरिए बिजली आपूर्ति सामान्य बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि अगलगी लापरवाही के कारण हुई या तकनीकी चूक की वजह से, लेकिन यह हादसा एनटीपीसी नबीनगर पावर प्लांट के लिए सुरक्षा और तकनीकी निगरानी की गंभीर चेतावनी बनकर सामने आया है।
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निर्माणाधीन स्टेज-2 के सीटी-1 बी कूलिंग टावर में लगी आग
मिली जानकारी के अनुसार, पावर प्लांट के निर्माणाधीन स्टेज-2 के सीटी-1 बी कूलिंग टावर में वेल्डर्स वेल्डिंग का कार्य कर रहे थे। इसी दौरान वेल्डिंग के दौरान निकली चिंगारी पास में रखे केबल पर गिर गई, जिससे आग भड़क उठी। टावर में तेल, केबल और अन्य ज्वलनशील सामग्री मौजूद थी, जिससे आग तेजी से फैली और टावर का बड़ा हिस्सा चपेट में आ गया।
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धुएं का गुब्बार दूर-दराज के इलाकों से भी देखा गया
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग लगने की शुरुआत टावर के ऊपरी हिस्से से हुई और तेजी से नीचे की ओर फैल गई। टावर में मौजूद प्लास्टिक और फाइबर सामग्री ने आग को और विकराल बना दिया। दूर-दराज के इलाकों से भी धुएं का गुब्बार आसमान में उठता देखा गया, जिससे स्थानीय लोगों में डर और दहशत का माहौल बन गया।
प्लांट प्रबंधन में मची अफरा-तफरी, तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू
अगलगी की सूचना मिलते ही प्लांट प्रबंधन में अफरा-तफरी मच गई और तुरंत अग्निशमन दल को बुलाया गया। एनटीपीसी की आंतरिक फायर सेफ्टी टीम के साथ स्थानीय दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। करीब दो से तीन घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक सीटी-1 बी कूलिंग टावर को भारी नुकसान हो चुका था। टावर में लगे केबल, तेल और अन्य उपकरण पूरी तरह जल गए।
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करोड़ों के नुकसान का अनुमान, कोई हताहत नहीं
प्रारंभिक आकलन के मुताबिक, इस हादसे में करोड़ों रुपये की संपत्ति के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। राहत की बात यह रही कि आग लगते ही टावर के आसपास काम कर रहे कर्मियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
शॉर्ट सर्किट या तकनीकी खामी की संभावना
सूत्रों का कहना है कि शॉर्ट सर्किट या तकनीकी खामी के कारण आग लगने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, वास्तविक कारणों की पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी।
उच्च स्तरीय जांच समिति गठित
एनटीपीसी प्रबंधन ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। एक तकनीकी टीम को नुकसान का आकलन करने और अगलगी के कारणों का पता लगाने के लिए लगाया गया है। घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने बड़े औद्योगिक परिसर में आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए थे। एनटीपीसी प्रबंधन का कहना है कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता है और आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई के कारण बड़ा हादसा टल गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि कूलिंग टावर बिजली उत्पादन की अहम इकाई होती है। टावर के क्षतिग्रस्त होने से उत्पादन अस्थायी रूप से प्रभावित हो सकता है। एनटीपीसी ने भरोसा दिलाया है कि वैकल्पिक व्यवस्थाओं के जरिए बिजली आपूर्ति सामान्य बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि अगलगी लापरवाही के कारण हुई या तकनीकी चूक की वजह से, लेकिन यह हादसा एनटीपीसी नबीनगर पावर प्लांट के लिए सुरक्षा और तकनीकी निगरानी की गंभीर चेतावनी बनकर सामने आया है।