Bihar News: जीतन राम मांझी ने अपने बयान को लेकर दी सफाई, कहा- जहां-जहां रिकाउंटिंग हुआ, वहां के प्रत्याशी जीते
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा सेकुलर के जीत हुए विधायकों के सम्मान समारोह में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने हार और रिकाउंटिंग को लेकर अपने अनुभव साझा किए।
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गयाजी के एक सरकारी विद्यालय परिसर में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा सेकुलर के जीत हुए विधायकों के सम्मान में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने बयान को स्पष्ट करते हुए पत्रकारों को कई महत्वपूर्ण बातें बताईं। मांझी ने कहा कि चुनाव में हारने वाले व्यक्ति को हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि 1990 में वे 182 वोट से हार गए थे और मतगणना केंद्र छोड़कर चले गए थे। यदि उस समय उन्होंने रिकाउंटिंग की मांग की होती तो संभव है कि वे जीत जाते। उन्होंने कहा कि आज बिहार में चार से पांच जगह ऐसी स्थिति है, जहां विरोधी दल और सत्ता पक्ष दोनों के उम्मीदवारों ने रिकाउंटिंग की मांग की और जीत हासिल की। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 2020 में टिकरी की विधायक डॉ. अनिल कुमार के साथ भी ऐसी घटना हुई थी। उस समय अधिकारियों से रिकाउंटिंग की मांग की गई, और उन्हें उचित परिणाम मिला।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी समान नहीं होते। 1990 में आदित्य स्वरूप नामक कलेक्टर और पर्यवेक्षक थे जिन्होंने रिकाउंटिंग नहीं दी, जिससे वे हार गए। वहीं 2020 में रिकाउंटिंग मांगी गई और पर्यवेक्षक और कलेक्टर ने पूरी की, जिससे जीत संभव हुई। इस बार भी प्रतीक्षा थी कि कोई विरोध करेगा या रिकाउंटिंग मांगेगा, लेकिन लोग मैदान छोड़कर चले गए, जिससे हार हुई। उन्होंने कहा कि हारने वाले का मनोबल इतना गिरना नहीं चाहिए कि मैदान छोड़ दें, बल्कि उन्हें विरोध करना चाहिए। उन्होंने बिहार के चार-पांच स्थानों के उदाहरण दिए जहां रिकाउंटिंग मांगने पर विपक्ष और एनडीए दोनों के लोग जीत गए।
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केंद्रीय मंत्री मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हिजाब प्रकरण पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि हिजाब के मामले को बेवजह बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। दिल्ली में एक पत्रकार के बाल आंख पर गिर रहे थे, उन्होंने कहा कि अगर वह बाल ठीक कर लें तो क्या समस्या है। इसी तरह हिजाब का मामला है। नीतीश कुमार ने कहा कि बेटी, मुंह थोड़ा झांक रहा है, हिजाब नीचे कर लो, तुम डॉक्टर बनने जा रही हो। इसमें गलत क्या है? उन्होंने कहा कि 74 वर्षीय वरिष्ठ व्यक्ति अगर ऐसा कह रहे हैं तो इसमें कोई आपत्ति नहीं। उन्होंने चेतावनी दी कि कठमुल्ला लोग धमकी दे रहे हैं और ऐसे लोग समाज को बर्बाद कर रहे हैं।
मांझी ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं को भी संदेश दिया कि हार का सामना करने पर भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और संगठन और कार्यकर्ताओं को हमेशा मैदान में खड़ा रहना चाहिए।