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Bihar: कांटों में रोती जिंदगी…, बरबीघा में झाड़ियों से मिली नवजात, कुछ यूं एसआई ने बचाई जान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शेखपुरा Published by: आशुतोष प्रताप सिंह Updated Thu, 04 Dec 2025 10:55 PM IST
सार

बरबीघा के माउर गांव में समाज के डर और दहेज की सोच के कारण एक मां ने जन्म के तुरंत बाद अपनी नवजात बेटी को झाड़ियों में फेंक दिया।

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abandoned newborn girl rescued from bushes barbigha si gautam kumar humanity
झाड़ियों से मिली नवजात - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बरबीघा के माउर गांव में गुरुवार को एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जिसने समाज में व्याप्त डर और दहेज रूपी दानव की सच्चाई को उजागर कर दिया। “अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो” जैसी कहावतों के बीच एक मां ने जन्म लेते ही अपनी नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंक दिया। बच्ची बेबस होकर रो रही थी, तभी उसकी आवाज सुनकर स्थानीय लोगों ने उसे झाड़ियों से खोज निकाला और उसकी जान बचाई।
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कांटों में उलझा गर्भनाल, एसआई गौतम कुमार ने बचाई जान
स्थानीय लोगों को झाड़ियों से नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। मौके पर जाकर उन्होंने देखा कि बच्ची जमीन पर नहीं, बल्कि कांटों के बीच फंसी हुई थी और उसका गर्भनाल झाड़ियों में बुरी तरह उलझा हुआ था। सूचना मिलते ही बरबीघा थाना के सब-इंस्पेक्टर गौतम कुमार वहां पहुंचे और दृश्य देखकर वे भी सिहर उठे। एसआई गौतम कुमार ने तुरंत ग्रामीणों से नया ब्लेड मंगाया और सावधानीपूर्वक गर्भनाल को काटकर बांधा। इसके बाद उन्होंने बच्ची को कांटों से सुरक्षित बाहर निकाला। फिर एक पिता की तरह उसे गोद में लेकर तुरंत बरबीघा रेफरल अस्पताल की ओर दौड़ पड़े।
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अस्पताल में मिला उपचार, बच्ची खतरे से बाहर
बरबीघा रेफरल अस्पताल में डॉ. रितु कुमारी ने बच्ची का प्राथमिक उपचार किया। डॉक्टर ने बताया कि नवजात का जन्म 24 घंटे के भीतर हुआ था और कांटों के कारण उसके शरीर पर कई जगह चोटें थीं। समय पर पहुंचने की वजह से उसकी हालत अब स्थिर है। अस्पताल में बच्ची को दूध भी दिया गया।




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बाल संरक्षण इकाई पहुंची अस्पताल
घटना की जानकारी मिलते ही जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार अपनी टीम (जितेंद्र कुमार, विजय कुमार, अभिषेक कुमार और श्वेता कुमारी) के साथ अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि बच्ची को 48 घंटे के लिए शेखपुरा सदर अस्पताल के विशेष वार्ड में भर्ती कराया गया है। पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद जिला बाल संरक्षण इकाई उसकी देखभाल की जिम्मेदारी संभालेगी। 
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