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Bihar : राबड़ी देवी गुस्से में निकली बाहर, विधान परिषद् से किया वॉकआउट; कहा-विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा

न्यूज़ डेस्क, अमर उजाला, पटना Published by: कृष्ण बल्लभ नारायण Updated Thu, 04 Dec 2025 04:05 PM IST
सार

RJD party : एक ओर बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दो दिन से अनुपस्थित हैं, वहीं दूसरी तरफ राबड़ी देवी ने आज विधान परिषद् में हंगामा करते हुए वाक आउट कर दिया। उन्होंने सत्ता पक्ष पर इमरजेंसी जैसे हालात पैदा करने का गंभीर आरोप लगाया है।

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Bihar: RJD party Rabri Devi walks out Legislative Council accusing NDA party creat an emergency-like situation
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बिहार विधान परिषद् में आज उस वक्त बड़ा सियासी ड्रामा देखने को मिला, जब राष्ट्रीय जनता दल की कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने विधान परिषद् से वॉकआउट कर दिया। उन्होंने बाहर आकर सीधे तौर पर सरकार पर हमला बोला और कहा कि प्रदेश में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं, जहां विपक्ष को अपनी बात रखने की अनुमति नहीं है।

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यह सदन की गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है
मौके पर उपस्थित राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सत्ता पक्ष पर लोकतंत्र की हत्या का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सदन में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है। हमारे सवालों को दबाया जा रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे राज्य में आपातकाल लगा दिया गया हो। यह सदन की गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। हमारी राजनीति के इतने लंबे इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है। राबड़ी देवी के वॉकआउट के बाद सदन में कुछ देर के लिए हंगामा हो गया। राजद के अन्य सदस्यों ने भी उनकी बातों का समर्थन करते हुए सरकार विरोधी नारेबाजी की।
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आपातकाल की बनी है स्थिति 
 अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष भी सरकार का अंग होता है। पक्ष और विपक्ष अगर लोकतंत्र में नहीं हो तो फिर लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं है। कल महामहिम राज्यपाल का अभी भाषण हुआ। आज तक की जो परंपरा रही है कि महामहिम के भाषण में विपक्ष संशोधन देती है। उसे संशोधन पर विपक्ष को बोलने का मौका दिया जाता है। बाद में फिर सरकार विपक्ष को सुनकर अपना पक्ष रखती है, उत्तर देती है। लेकिन मेरे संसदीय जीवन में यह पहला अवसर है जब विपक्ष को राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष को अपना मत रखने से रोका गया. हमारे कई कई माननीय सदस्यों ने संशोधन पेश किया था कि इसमें फलां-फलां जुट जाएं इनका कहना है कि वह आपके प्रोसिडिंग का पार्ट बन जाएगा, लेकिन भाषण नहीं होगा। तो जब हमें मेरी अभिव्यक्ति से रोका जाए, अपना विचार देने से रोका जाए तो ऐसी स्थिति में हमें याद दिलाता है आपातकाल का। विपक्ष का जिस तरह से गला घोंटा गया था, इस तरह यह भी गला घोटने की कोशिश कर रहे हैं जिसका विरोध हम लोग मरते दम तक करते रहेंगे।
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