Bihar Election : लिफाफे के साथ लालू को देख कांग्रेस परेशान; बिहार चुनाव के लिए बंट रहा 'सिम्बल' है क्या?
Election Symbol : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इस बात से परेशान रही थी कि लालू प्रसाद यादव सीट बंटवारा फाइनल हुए बगैर ही प्रत्याशियों को पीला लिफाफा दे रहे थे। इस बार उसने भरसक रोका, लेकिन क्रम बिहार विधानसभा चुनाव में भी जारी रहा। क्या है यह लिफाफा?

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लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी का विलय कर कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर पूर्णिया से उतरने की तैयारी कर रहे राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को ऐसी ही तस्वीर ने झटका दिया था। तब बीमा भारती को लालू प्रसाद ने इसी तरह का एक लिफाफा देकर पप्पू यादव का सपना तोड़ दिया था। कांग्रेस उसपर खीझ गई थी। लोकसभा चुनाव में सीट बांटे बगैर जैसे लालू प्रसाद लगातार ऐसा लिफाफा दे रहे थे, इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ऐसी तस्वीरें नहीं देखना चाहती थी। लेकिन, पिछले चार दिनों से ऐसी तस्वीरें बार-बार आ रहीं। फलां को सिम्बल दिया, फलां को सिम्बल दिया। लालू की देखादेखी वामदलों ने भी यह लिफाफा देना शुरू कर दिया। और तो और, सीट बंटे बगैर ऐसे ही एक लिफाफे के साथ तेजस्वी यादव भी नामांकन कर आए। आखिर होता क्या है इसके अंदर?

चुनाव चिह्न नहीं होता इसके अंदर या कुछ और?
लालू ने सिम्बल दिया, जदयू ने सिम्बल दिया, वामदलों ने सिम्बल बांटा... यह खबरें खूब चलीं। लिफाफा भी हरेक का पीला ही रहा। प्रशांत किशोर का भी। तो क्या लिफाफे के अंदर चुनाव चिह्न होता है? नहीं। इसके अंदर चुनाव चिह्न छपा हुआ भी नहीं होता है। इसके अंदर भारत निर्वाचन आयोग का फॉर्म B होता है। फॉर्म B एक तरह से प्राधिकार पत्र होता है कि फलां प्रत्याशी फलां विधानसभा सीट से हमारी पार्टी का आधिकारिक प्रत्याशी है। चूंकि पार्टी के प्रत्याशियों की सूची जारी करने वाले पदाधिकारी हर नामांकन में जाकर हस्ताक्षर नहीं कर सकते, इसलिए यह फॉर्म भरा हुआ मिलता है।
फॉर्म B में विकल्प भी भरना होता है, रह जाता है खाली
चुनाव में नामांकन के लिए जाने वाले प्रत्याशी अपने शपथ पत्र के अलावा यह फॉर्म B जरूर लेकर जाते हैं। यह फॉर्म पार्टी की ओर से मिलता है, मतलब जिनके पास नहीं वह निर्दलीय हैं। फॉर्म B प्रत्याशियों को 'गोपनीय' तौर पर दिया जाता है। यह किसी दूसरे को नहीं दिया जाता है, क्योंकि इसके अंदर एक विकल्प भरने का भी प्रावधान रहता है। इसमें पार्टी के नाम के आगे कॉलम 2 और कॉलम 4 में प्रत्याशी का नाम लिखने की जगह होती है। कॉलम 5 और 7 में वैकल्पिक प्रत्याशी का नाम भी भरा हुआ होता है। नाम और पिता का नाम के साथ पता भी रहता है। लेकिन, बिहार चुनाव में देखें तो अमूमन किसी भी प्रत्याशी को मिले इस फॉर्म B में पार्टी सिर्फ घोषित प्रत्याशी का नाम देती है, वैकल्पिक का नाम नहीं। चुनाव आयोग ने वैकल्पिक का प्रावधान भी इसमें स्पष्ट कर रखा है कि अगर किसी स्थिति में प्रत्याशी ऐन वक्त पर चुनाव से हट जाता है या किसी कारणवश उसका नामांकन निरस्त हो जाता है तो वैकल्पिक नाम उस सीट से उस दल का प्रत्याशी बन जाएगा।