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Bihar News: पूर्णिया में नवजात को बोरे में फेंककर मानवता को शर्मसार किया, निःसंतान दंपति बने देवदूत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पूर्णिय
Published by: पूर्णिया ब्यूरो
Updated Sat, 11 Oct 2025 06:57 PM IST
सार
Bihar News: घटना के संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि तेलियारी निवासी नरेश साह जब बांसवाड़ी के पास से गुजर रहे थे, तो उन्हें एक नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज का पीछा करते हुए वे वहां पहुंचे और देखा कि रोना एक बंद बोरे के अंदर से आ रहा था।
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नवजात के साथ महिला
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पूर्णिया में एक निर्दयी मां ने अपनी क्रूरता की हद पार करते हुए अपने नवजात शिशु को एक बोरे में बंद करके बांसवाड़ी में फेंक दिया। यह अमानवीय कृत्य शनिवार को तब सामने आया जब एक शख्स बांसवाड़ी के पास से गुजर रहे थे, तो उन्हें एक नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज का पीछा करते हुए वे वहां पहुंचे और देखा कि रोना एक बंद बोरे के अंदर से आ रहा था। उसके बाद पत्नी को बुलाया और जब बोरा खोला, तो अंदर एक जिंदा नवजात बालक रो रहा था। दृश्य जिले के भवानीपुर नगर पंचायत के तेलियारी गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है।
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घटना के संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि तेलियारी निवासी नरेश साह जब बांसवाड़ी के पास से गुजर रहे थे, तो उन्हें एक नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज का पीछा करते हुए वे वहां पहुंचे और देखा कि रोना एक बंद बोरे के अंदर से आ रहा था। नरेश साह ने तुरंत अपनी पत्नी किरण देवी को मौके पर बुलाया। किरण देवी ने जब बोरा खोला, तो अंदर एक जिंदा नवजात बालक रो रहा था। घटना के बाद, दंपति ने तत्परता दिखाते हुए स्थानीय आशा कार्यकर्ता निभा भारती को बुलाया और नवजात को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया। वहाँ मौजूद चिकित्सकों ने तुरंत बच्चे का इलाज शुरू किया और उसकी जान बचाई।
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निःसंतान दंपति ने पेश की इंसानियत की मिसाल
जहां एक ओर मां की क्रूरता ने सभी को स्तब्ध कर दिया, वहीं दूसरी ओर तेलियारी गांव के निःसंतान दंपति नरेश साह और किरण देवी उस नवजात के लिए साक्षात् 'देवदूत' बनकर उभरे। इस निःस्वार्थ दंपति ने न सिर्फ बच्चे को बचाया, बल्कि अस्पताल में उसकी उचित देखभाल भी कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वे उसके इलाज का सारा खर्च भी स्वयं वहन कर रहे हैं। अस्पताल कर्मियों के सामने नरेश साह और किरण देवी ने भावुक होते हुए कहा कि ईश्वर ने यह बालक उनके लिए भेजा है, और वे आज से इसे अपना बच्चा मानकर इसकी देखभाल करेंगे। निःसंतान दंपति द्वारा उठाए गए इस सराहनीय कदम की पूरे क्षेत्र में जमकर प्रशंसा हो रही है।