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Bihar: टिकट नहीं मिलने पर फूट-फूटकर रोए कांग्रेस नेता इरफान आलम, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पूर्णिया
Published by: पूर्णिया ब्यूरो
Updated Fri, 17 Oct 2025 11:35 AM IST
सार
पूर्णिया की कसबा विधानसभा सीट पर कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद पूर्व प्रमुख इरफान आलम फूट-फूटकर रो पड़े, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। आलम पप्पू यादव के करीबी नेता हैं और पहले जेडीयू में थे।
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कांग्रेस नेता इरफान आलम
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पूर्णिया की कसबा विधानसभा सीट पर टिकट बंटवारे को लेकर मची खींचतान अब सार्वजनिक रूप से सामने आ गई है। कांग्रेस पार्टी से टिकट न मिलने के बाद पूर्व प्रमुख इरफान आलम फूट-फूटकर रो पड़े, जिसका भावुक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इरफान आलम का रोना केवल टिकट न मिलने की निराशा नहीं, बल्कि उनके जटिल राजनीतिक इतिहास का नतीजा है। आलम को पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव के बेहद करीबी नेताओं में गिना जाता है। पप्पू यादव के कांग्रेस में शामिल होने के बाद आलम की उम्मीदें चरम पर थीं।
इरफान आलम पहले जेडीयू में थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पप्पू यादव को कसबा से मुस्लिम वोट दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इस पार्टी विरोधी अंदरूनी मामले को देखते हुए, जेडीयू ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। इसके बाद आलम ने कांग्रेस का दामन थामा और कसबा से विधानसभा चुनाव की तैयारी में पूरी ताकत झोंक दी थी। उनके समर्थकों का मानना है कि पप्पू यादव की करीबी और कांग्रेस के प्रति उनके समर्पण के बावजूद, उन्हें दरकिनार कर दिया गया, जिससे उनकी वफादारी पर सवाल खड़े हो गए। कांग्रेस ने कसबा सीट पर लगातार तीन बार के मौजूदा विधायक मो. आफाक आलम पर भरोसा जताया है, जिससे इरफान आलम को निराशा हुई।
ये भी पढ़ें: Bihar Election 2025 Live: कांग्रेस ने जारी की पहली सूची, प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी की डिग्री पर उठाए सवाल
स्थिति का संभावित राजनीतिक असर यह है कि वायरल वीडियो कांग्रेस के आलाकमान पर आंतरिक दबाव बढ़ाएगा और टिकट वितरण में पारदर्शिता पर सवाल खड़े करेगा। इरफान आलम की मजबूत जमीनी पकड़ और उनके भावुक विरोध के चलते, उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना बढ़ गई है, जिससे कसबा सीट पर कांग्रेस और महागठबंधन के वोट बिखर सकते हैं।
इरफान आलम का रोना इस बात का संकेत है कि बिहार में टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष चरम पर है, और यह मसला कसबा के चुनावी नतीजों को सीधे प्रभावित कर सकता है।
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इरफान आलम पहले जेडीयू में थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पप्पू यादव को कसबा से मुस्लिम वोट दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इस पार्टी विरोधी अंदरूनी मामले को देखते हुए, जेडीयू ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। इसके बाद आलम ने कांग्रेस का दामन थामा और कसबा से विधानसभा चुनाव की तैयारी में पूरी ताकत झोंक दी थी। उनके समर्थकों का मानना है कि पप्पू यादव की करीबी और कांग्रेस के प्रति उनके समर्पण के बावजूद, उन्हें दरकिनार कर दिया गया, जिससे उनकी वफादारी पर सवाल खड़े हो गए। कांग्रेस ने कसबा सीट पर लगातार तीन बार के मौजूदा विधायक मो. आफाक आलम पर भरोसा जताया है, जिससे इरफान आलम को निराशा हुई।
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स्थिति का संभावित राजनीतिक असर यह है कि वायरल वीडियो कांग्रेस के आलाकमान पर आंतरिक दबाव बढ़ाएगा और टिकट वितरण में पारदर्शिता पर सवाल खड़े करेगा। इरफान आलम की मजबूत जमीनी पकड़ और उनके भावुक विरोध के चलते, उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना बढ़ गई है, जिससे कसबा सीट पर कांग्रेस और महागठबंधन के वोट बिखर सकते हैं।
इरफान आलम का रोना इस बात का संकेत है कि बिहार में टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष चरम पर है, और यह मसला कसबा के चुनावी नतीजों को सीधे प्रभावित कर सकता है।