Bihar : वंदे भारत ट्रेन हादसे पर गहराया हत्या का संदेह, परिजनों ने DIG से निष्पक्ष जांच व मुआवजे की मांग की
कटिहार-जोगबनी रेलखंड पर कसबा के पास जवनपुर में हुए हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया है। शुक्रवार तड़के वंदे भारत एक्सप्रेस की चपेट में आने से पांच बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से चार की मौके पर ही मौत हो गई। अब यह मामला नया मोड़ लेता दिख रहा है, क्योंकि परिजनों और स्थानीय विधायक ने इसे महज हादसा नहीं, बल्कि सोची-समझी हत्या बताया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
विस्तार
वंदे भारत ट्रेन की चपेट में आने से चार नाबालिग बच्चों की मौत के मामले ने लोगों को झकझोरकर रख दिया है। सोमवार को बनमनखी विधायक कृष्ण ऋषिदेव मृतक बच्चों के पिता ब्रह्मदेव ऋषिदेव और अन्य परिजनों के साथ डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल से मिले। उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने और पीड़ित परिवारों को तत्काल मुआवजा देने की मांग की। मृतक श्यामसुंदर कुमार (15 वर्ष) के पिता ब्रह्मदेव ऋषिदेव ने डीआईजी को बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। मजबूरी में उन्होंने अपने बेटे श्यामसुंदर के साथ चार भतीजों और एक भांजे (सभी की उम्र 12 से 15 वर्ष) को दरभंगा के ठेकेदार विशो के पास मखाना फोड़ी का काम करने भेजा था। ठेकेदार ने हर बच्चे को पांच हजार रुपये देने का वादा किया था।
परिजनों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार बच्चों से ओवरटाइम काम कराता था, उन्हें भरपेट खाना नहीं देता था, और विरोध करने पर मारपीट करता था। बच्चों ने घर फोन करके बताया था कि उन्हें दशहरा मेले में जाने की छुट्टी भी नहीं मिली। इससे परेशान होकर उन्होंने काम छोड़कर घर लौटने का फैसला किया था।
पिता ब्रह्मदेव ने बताया कि घटना से पहले ठेकेदार ने उन्हें फोन पर धमकी दी थी। रात करीब 9 बजे बच्चों से आखिरी बार बात हुई थी, और अगली सुबह करीब 6 बजे ठेकेदार ने फोन कर बताया कि बच्चे काम छोड़कर भाग गए हैं। कुछ देर बाद यह सूचना आई कि बच्चे ट्रेन की चपेट में आ गए और चार की मौत हो गई।
विधायक की मांग
विधायक कृष्ण कुमार ऋषिदेव ने डीआईजी से कहा कि बच्चों की सभी लाशें रेलवे ट्रैक पर एक ही जगह और एक जैसी अवस्था में मिलीं, जो इस बात पर गंभीर सवाल खड़ा करती है कि यह वास्तव में हादसा था या हत्या। उन्होंने कहा कि अगर यह ट्रेन हादसा होता, तो कम से कम एक बच्चा तो जान बचाने की कोशिश करता। उन्होंने ठेकेदार द्वारा दी गई धमकी की भी जांच कराने की मांग की।
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डीआईजी का बयान
डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि परिजनों और विधायक द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं को जांच में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से बच्चों का मोबाइल फोन बरामद हुआ है, जिसकी तकनीकी जांच से यह पता चलेगा कि वे किस स्थान से कहां गए थे। डीआईजी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो सकेगा कि बच्चों की मौत ट्रेन से कटने से हुई या फिर हत्या कर उनकी लाशें ट्रैक पर फेंकी गईं। उन्होंने एसपी और डीएसपी को जांच की निगरानी करने और पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाने के लिए जिला प्रशासन से आग्रह करने का निर्देश दिया है।