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Noida News: संसाधनों के अभाव से स्वास्थ्य केंद्र बने रेफरल यूनिट
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बरेली। कस्बों व देहात क्षेत्र में सीएचसी व पीएचसी में डाॅक्टरों और संसाधनों के अभाव के कारण पहुंच रहे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही हैं। मंगलवार को कई मरीजों को जांच मशीनों के अभाव में रेफर कर दिया गया। शीशगढ़ समेत कई अस्पतालों पर दिव्यांग मरीज पहुंचे, लेकिन वहां उनके लिए व्हील चेयर नहीं मिले। ब्यूरो
एक डाॅक्टर के सहारे स्वास्थ्य केंद्र
सिराैली। ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने की घोषणा स्टाफ के अभाव में हवाई साबित हो रही है। कस्बे की 50 हजार आबादी व आसपास गांवों के लिए पीएचसी तो हैं, लेकिन यहां एक डॉक्टर, एक संविदा वार्ड ब्वाय ही मौजूद हैं।
स्वास्थ्य कर्मी और सफाई कर्मियों की यहां कमी है। इस कारण अधिकांश मरीज यहां न जाकर निजी अस्पतालों में इलाज कराते हैं। अधिकारियों के अनुसार यहां 16 पद रिक्त हैं। यहां मंगलवार को बुखार व अन्य वायरल बीमारियों से पीड़ित 100 से अधिक मरीज पहुंचे। केंद्र प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि स्टाफ की कमी से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस समय वायरल बुखार के मरीज
बढ़े हैं। संवाद
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सीबीसी जांच की सुविधा नहीं
फतेहगंज पूर्वी। कस्बे के पीएचसी पर सीबीसी जांच के लिए कोई सुविधा नहीं है। मरीजों को इसके लिए सीएचसी फरीदपुर जाना पड़ता है। लोगों ने बताया कि यहां दुर्घटना में घायल मरीजों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।पीएचसी इंचार्ज डॉ. संदीप दिवाकर ने बताया कि गंभीर मरीज को फरीदपुर सीएचसी रेफर किया जाता है। सामान्य डिलीवरी के लिए स्टाफ नर्सए ऑक्सीजन की व्यवस्था है, लेकिन अगर ब्लड की आवश्यकता हो तो सीएचसी रेफर करना होता है। यहां पहुंचे गंगाचरण ने बताया कि उनको दुर्घटना में पसली में चोट लगी थी। वह इलाज के लिए पहुंचे, लेकिन उनको बरेली रेफर कर दिया गया। संवाद
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रेजिडेंस की सुविधा और न ही इमरजेंसी ओपीडी
शीशगढ़। कस्बे के सीएचसी केंद्र पर न रेजिडेंस की कोई सुविधा है और न ही इमरजेंसी वाले मरीज के लिए ओपीडी की सुविधा है। कई बार मरीज यहां पहुंचते हैं, जिनको इस वजह से मायूस लौटना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार, एक्सरे कराने के लिए मरीजों को शीशगढ़ से 20 किलोमीटर दूर शेरगढ़ कर जाना पड़ता है।
यहां एक्सरे मशीन तो है, लेकिन उसको चलाने के लिए टेक्नीशियन नहीं है। इस कारण गंभीर मरीज को रेफर करना पड़ता है। डॉ. वीरेश ने बताया कि 100 से अधिक मरीज पहुंचे। इसमें अधिकांश वायरल बीमारियों से पीड़ित थे, जबकि लगभग 50 पुराने मरीज थे। ओपीडी के दौरान कुछ दिव्यांग मरीज पहुंचे, लेकिन व्हील चेयर आदि नहीं मिलने से उन्हें परेशानी हुई।
वरिष्ठ चिकित्सा पर्यवेक्षक डॉ असलम ने बताया कि मौसम बदलने के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है। व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। संवाद
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उपलब्ध नहीं है अल्ट्रासांउड और एक्सरे की सुविधा
नवाबगंज। कस्बे के सीएचसी में प्रतिदिन 450 से अधिक पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां अल्ट्रासाउंड और एक्सरे की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। इस कारण यहां आने वाले कुछ मरीज लौट जाते हैं। लोगों ने बताया कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और एक्सरे की सुविधा उपलब्ध नहीं है। मरीजों को अल्ट्रासांउड और एक्सरे कराने के लिए जिला अस्पताल जाना पड़ता है। यहां आर्थो, शिशुरोग चिकित्सक नहीं है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए लोगों को जिला अस्पताल जाना पड़ता है। यहां प्रतिदिन लगभग 450 से अधिक मरीज आते हैं। डाॅ. प्रवीन यादव ने बताया कि इन चीजों से अधिकारियों को अवगत कराया गया है। संवाद
एक डाॅक्टर के सहारे स्वास्थ्य केंद्र
सिराैली। ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने की घोषणा स्टाफ के अभाव में हवाई साबित हो रही है। कस्बे की 50 हजार आबादी व आसपास गांवों के लिए पीएचसी तो हैं, लेकिन यहां एक डॉक्टर, एक संविदा वार्ड ब्वाय ही मौजूद हैं।
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स्वास्थ्य कर्मी और सफाई कर्मियों की यहां कमी है। इस कारण अधिकांश मरीज यहां न जाकर निजी अस्पतालों में इलाज कराते हैं। अधिकारियों के अनुसार यहां 16 पद रिक्त हैं। यहां मंगलवार को बुखार व अन्य वायरल बीमारियों से पीड़ित 100 से अधिक मरीज पहुंचे। केंद्र प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि स्टाफ की कमी से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस समय वायरल बुखार के मरीज
बढ़े हैं। संवाद
सीबीसी जांच की सुविधा नहीं
फतेहगंज पूर्वी। कस्बे के पीएचसी पर सीबीसी जांच के लिए कोई सुविधा नहीं है। मरीजों को इसके लिए सीएचसी फरीदपुर जाना पड़ता है। लोगों ने बताया कि यहां दुर्घटना में घायल मरीजों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।पीएचसी इंचार्ज डॉ. संदीप दिवाकर ने बताया कि गंभीर मरीज को फरीदपुर सीएचसी रेफर किया जाता है। सामान्य डिलीवरी के लिए स्टाफ नर्सए ऑक्सीजन की व्यवस्था है, लेकिन अगर ब्लड की आवश्यकता हो तो सीएचसी रेफर करना होता है। यहां पहुंचे गंगाचरण ने बताया कि उनको दुर्घटना में पसली में चोट लगी थी। वह इलाज के लिए पहुंचे, लेकिन उनको बरेली रेफर कर दिया गया। संवाद
रेजिडेंस की सुविधा और न ही इमरजेंसी ओपीडी
शीशगढ़। कस्बे के सीएचसी केंद्र पर न रेजिडेंस की कोई सुविधा है और न ही इमरजेंसी वाले मरीज के लिए ओपीडी की सुविधा है। कई बार मरीज यहां पहुंचते हैं, जिनको इस वजह से मायूस लौटना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार, एक्सरे कराने के लिए मरीजों को शीशगढ़ से 20 किलोमीटर दूर शेरगढ़ कर जाना पड़ता है।
यहां एक्सरे मशीन तो है, लेकिन उसको चलाने के लिए टेक्नीशियन नहीं है। इस कारण गंभीर मरीज को रेफर करना पड़ता है। डॉ. वीरेश ने बताया कि 100 से अधिक मरीज पहुंचे। इसमें अधिकांश वायरल बीमारियों से पीड़ित थे, जबकि लगभग 50 पुराने मरीज थे। ओपीडी के दौरान कुछ दिव्यांग मरीज पहुंचे, लेकिन व्हील चेयर आदि नहीं मिलने से उन्हें परेशानी हुई।
वरिष्ठ चिकित्सा पर्यवेक्षक डॉ असलम ने बताया कि मौसम बदलने के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है। व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। संवाद
उपलब्ध नहीं है अल्ट्रासांउड और एक्सरे की सुविधा
नवाबगंज। कस्बे के सीएचसी में प्रतिदिन 450 से अधिक पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां अल्ट्रासाउंड और एक्सरे की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। इस कारण यहां आने वाले कुछ मरीज लौट जाते हैं। लोगों ने बताया कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और एक्सरे की सुविधा उपलब्ध नहीं है। मरीजों को अल्ट्रासांउड और एक्सरे कराने के लिए जिला अस्पताल जाना पड़ता है। यहां आर्थो, शिशुरोग चिकित्सक नहीं है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए लोगों को जिला अस्पताल जाना पड़ता है। यहां प्रतिदिन लगभग 450 से अधिक मरीज आते हैं। डाॅ. प्रवीन यादव ने बताया कि इन चीजों से अधिकारियों को अवगत कराया गया है। संवाद