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UP: 'सुबह एजेंट का सामना कैसे करूंगी...' कर्ज तले दबी महिला ने दी जान; गिरवी जमीन छुड़ाने के लिए लिया कर्जा

अमर उजाला नेटवर्क, बस्ती Published by: शाहरुख खान Updated Fri, 07 Nov 2025 03:34 PM IST
सार

बस्ती के राम नगर ब्लॉक के नरखोरिया गांव में मनिता की खुदकुशी ने एक बार फिर समूह कर्ज के जाल में फंसकर छटपटा रहीं महिलाओं की हालत को उजागर कर दिया है। समूहों के एजेंट कर्ज लेने वाले परिवार, खासकर महिलाओं पर मानसिक दबाव बनाकर उनका जीना मुहाल किए हुए है।

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A woman troubled by debt committed suicide in Basti
suicide - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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बस्ती के सोनहा थाना क्षेत्र के नरखोरिया गांव की 47 वर्षीय मनिता देवी ने बृहस्पतिवार सुबह घर में फंदे से लटककर खुदकुशी कर ली। पति बसंत सोनी के अनुसार, उन्होंने चार समूहों से करीब चार लाख रुपये का कर्ज लिया था पर वह उसकी किस्त नहीं चुका पा रहे थे। 
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समूह के एजेंट बार-बार किस्त के लिए प्रताड़ित कर रहे थे। बुधवार को भी एक एजेंट ने किस्त नहीं चुकाने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। इसी से परेशान होकर पत्नी ने यह कदम उठा लिया। फिलहाल परिवार ने तहरीर नहीं दी है।
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मनिता की बेटी शिवांगी ने बताया की परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। खेती-किसानी कर किसी तरह घर चलता है। दो भाई गंगाराम व छोटू बाहर रहते हैं। बड़े भाई गंगाराम की शादी और गिरवी रखी जमीन छुड़वाने के लिए मां ने समूह से कर्ज लिया था पर खराब आर्थिक हालात के कारण किस्त नहीं चुका पा रहे थे। किस्त चुकाने के लिए एजेंट लगातार दबाव बना रहे थे।
 

मनिता के पति बसंत का कहना है कि बुधवार को एक समूह का एजेंट वसूली करने आया था। उसने धमकी दी थी कि बृहस्पतिवार को फिर आएगा और किस्त की रकम नहीं मिली तो अंजाम बुरा होगा। पत्नी पूरी रात इस फिक्र में सो नहीं पाई कि सुबह एजेंट का सामना कैसे करेगी। 
 

बसंत का कहना है कि बृहस्पतिवार सुबह करीब सात बजे उसकी नींद खुली तो उसकी पत्नी की फंदे से लटकी मिली। आनन-फानन उसे सीएचसी भानपुर ले गए, जहां जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

गिरवी जमीन छुड़ाने के लिए लिया कर्ज...किस्त अदायगी में गई जान
राम नगर ब्लॉक के नरखोरिया गांव में मनिता की खुदकुशी ने एक बार फिर समूह कर्ज के जाल में फंसकर छटपटा रहीं महिलाओं की हालत को उजागर कर दिया है। समूहों के एजेंट कर्ज लेने वाले परिवार, खासकर महिलाओं पर मानसिक दबाव बनाकर उनका जीना मुहाल किए हुए है। यह घटना इसकी बानगी है। 
 

कर्ज होने की वजह से ऐसी सैकड़ों महिलाएं किसी से शिकायत भी नहीं कर पा रही हैं। अंदर ही अंदर घुट-घुटकर छुटकारा पाने की कोशिश में जान देने पर विवश हो जा रही हैं। मनिता की बेटी शिवांगी बताती है कि पिता बसंत सोनी की माली हालत काफी खराब है। 
 

रुपये की जरूरत पड़ने पर कुछ जमीन गिरवी रख दी गई थी। भाई की शादी में भी काफी खर्च हो गए थे। इन सबके लिए उसकी मां ने करीब ढाई लाख रुपये तीन-चार समूहों से कर्ज ले लिया था। धीरे-धीरे यह कर्ज बढ़कर करीब चार लाख रुपये हो गया था। हालांकि काफी रुपये मां जमा कर चुकी थी। एक लाख के करीब ही बाकी था। मार्च तक सब जमा कर देती लेकिन एजेंट एक बात भी सुनने को तैयार नहीं था।

पति बसंत सोनी बताते हैं कि बुधवार को एजेंट आए थे। कह रहे थे कि कल सुबह फिर आऊंगा और रुपये लेकर ही जाऊंगा। उनसे पत्नी ने कहा कि रुपये नहीं हैं तो क्या जान दे दें, तो एजेंट कहने लगे कि जान दो चाहे जो करो लेकिन हमें किस्त के रुपये हर हाल में चाहिए। बृहस्पतिवार को सुबह भी एजेंट का फोन आया था लेकिन बसंत ने जब इस घटना के बारे में बताया तो फोन कट गया। 
 

गांव के लोग बताते हैं कि बसंत कहीं झूठ तो नहीं बोल रहा है इसकी तस्दीक करने भी एक आदमी आया था मगर शव देखकर वह लौट गया। पिता बसंत बताते हैं कि बेटी शिवांगी की भी शादी तय थी। अप्रैल में कार्यक्रम संपन्न होना है। इसके लिए पत्नी मनिता अभी से इंतजाम करने में जुटी थी।
 

बेटी की शादी की तैयारी अधूरी रह गई
शिवांगी की शादी अप्रैल में तय थी। परिवार की खुशी की तैयारियां शुरू ही हुई थीं कि मातम ने घर को घेर लिया। गांव की महिलाओं का कहना है कि मनिता बहुत सीधी और मेहनती थी। बेटी की शादी के लिए जोरशोर में लगी थी। अब घर में जो कपड़े और साड़ियां शादी के लिए खरीदी गई थीं।

अब भी परेशान सियरापार की महिलाएं
ऐसा ही मामला शहर से सटे सियरापार गांव में एक साल पहले सामने आया था जिसके लिए धरना प्रदर्शन तक हुआ था। वहां की 30 से ज्यादा महिलाओं के नाम पर विभिन्न बैंकों के 89 लाख रुपये कर्ज है। इन सबने लोन लेने से इन्कार किया था मगर एजेंट कहने लगे कि लोन के रुपये उन्हें दे देना वे ब्याज और मूल धन जमा करते रहेंगे। इसके बदले उन्हें हजार-दो हजार रुपये दे दिए। 


इसी दो हजार की लालच में उन लोगों के कई बार हस्ताक्षर बनवाए और आधार, पैन कार्ड की फोटो कॉपी ले गए। अब वहां की तमाम महिलाएं जैसे मीरा पत्नी राम शंकर के नाम पर दो लाख रुपये, निर्मला पत्नी गाेमती के नाम पर 1.80 लाख, सुनीता पत्नी शिव प्रसाद के नाम पर 1.50 लाख रुपये की कर्जदार हो गईं।

इन लोगों ने बताया कि उन्हें दो-चार बार बैंक में ले जाया गया। कई बार बैंक के लोग घर पर ही पहुंच जाते थे। उनके परिवार में इसे लेकर झगड़े होने लगे हैं। अब वे न्याय के लिए पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट रही हैं।
 

महिला की खुदकुशी की सूचना मिली है। परिवार ने अभी कोई तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलने पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।-स्वर्णिमा सिंह, सीओ
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