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Gorakhpur News: शहर की फिजाओं में घुला जहर, एक्यूआई 300 के पार
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- सुबह 10 बजे अधिकतम एक्यूआई पहुंचा 309, न्यूनतम 155 किया गया दर्ज
अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। शहर की फिजाओं में जहर घुल गया है। विकास परियोजनाओं के चलते हवा में धूल के कण और गाड़ियों की आवाजाही ज्यादा होने से धुएं से निकले खतरनाक गैसों के कारण बृहस्पतिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 के पार (खतरनाकर स्तर तक) पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह मार्निंग वॉक से परहेज करें। बुजुर्गों व सांस के रोगियों को ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।
दरअसल, देवरिया बाईपास रोड से टीपीनगर तक बन रहे फ्लाईओवर सहित शहर में कई फोरलेन और फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है। इसके चलते वायुमंडल में धूल के कण ज्यादा हैं। पांच दिन पहले हुई बारिश से प्रदूषण का स्तर खत्म हो गया था लेकिन इधर छठ के बाद गाड़ियों की आवाजाही ज्यादा बढ़ गई है।
एमएमएमयूटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में स्थापित प्रदूषण मॉनिटरिंग केंद्र की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे अधिकतम एक्यूआई 309 पहुंच गया था। दोपहर एक से दो बजे के बीच सबसे न्यनूतम एक्यूआई 155 दर्ज किया गया। रात साढ़े 10 बजे एक्यूआई 282 दर्ज किया गया।
एमएमएमयूटी के पूर्व एडजंक्ट फैकल्टी डॉ. सत्य नारायण ने बताया कि गोरखपुर मेें अधिकतम एक्यूआई अधिकतम 309 तक गया था। बारिश समाप्त होने के बाद एक नवंबर के पहले दिन से ही एक्यूआई बढ़ रहा है। तीन नवंबर से लगातार एक्यूआई 200 से अधिक रह रहा है। ठोस और तरल कणों और हवा में मौजूद कुछ गैसों के कारण एक्यूआई बढ़ता है। ये कण और गैसें कार और ट्रक के धुएं, कारखानों, धूल (सड़क निर्माण), परागकणों, फफूंद के बीजाणुओं या पराली जलाने के कारण होता है। सर्दी के मौसम में एयर क्वालिटी ज्यादा बढ़ जाती है। इसमें बच्चों, बजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को दिक्कत हो सकती है। साथ ही आंखों में जलन की समस्या भी बढ़ेगी।
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अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। शहर की फिजाओं में जहर घुल गया है। विकास परियोजनाओं के चलते हवा में धूल के कण और गाड़ियों की आवाजाही ज्यादा होने से धुएं से निकले खतरनाक गैसों के कारण बृहस्पतिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 के पार (खतरनाकर स्तर तक) पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह मार्निंग वॉक से परहेज करें। बुजुर्गों व सांस के रोगियों को ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।
दरअसल, देवरिया बाईपास रोड से टीपीनगर तक बन रहे फ्लाईओवर सहित शहर में कई फोरलेन और फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है। इसके चलते वायुमंडल में धूल के कण ज्यादा हैं। पांच दिन पहले हुई बारिश से प्रदूषण का स्तर खत्म हो गया था लेकिन इधर छठ के बाद गाड़ियों की आवाजाही ज्यादा बढ़ गई है।
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एमएमएमयूटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में स्थापित प्रदूषण मॉनिटरिंग केंद्र की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे अधिकतम एक्यूआई 309 पहुंच गया था। दोपहर एक से दो बजे के बीच सबसे न्यनूतम एक्यूआई 155 दर्ज किया गया। रात साढ़े 10 बजे एक्यूआई 282 दर्ज किया गया।
एमएमएमयूटी के पूर्व एडजंक्ट फैकल्टी डॉ. सत्य नारायण ने बताया कि गोरखपुर मेें अधिकतम एक्यूआई अधिकतम 309 तक गया था। बारिश समाप्त होने के बाद एक नवंबर के पहले दिन से ही एक्यूआई बढ़ रहा है। तीन नवंबर से लगातार एक्यूआई 200 से अधिक रह रहा है। ठोस और तरल कणों और हवा में मौजूद कुछ गैसों के कारण एक्यूआई बढ़ता है। ये कण और गैसें कार और ट्रक के धुएं, कारखानों, धूल (सड़क निर्माण), परागकणों, फफूंद के बीजाणुओं या पराली जलाने के कारण होता है। सर्दी के मौसम में एयर क्वालिटी ज्यादा बढ़ जाती है। इसमें बच्चों, बजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को दिक्कत हो सकती है। साथ ही आंखों में जलन की समस्या भी बढ़ेगी।