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Gorakhpur News: फर्जी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव के नाम पर की थी ठगी, मामले का एक और आरोपी गिरफ्तार

अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर Published by: गोरखपुर ब्यूरो Updated Wed, 31 Dec 2025 04:28 PM IST
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सार

कंपनी का प्रधान कार्यालय लखनऊ के गोमतीनगर स्थित वैभव खंड में दर्शाया गया था, जबकि इसकी एक शाखा गोरखपुर में अभय प्रताप शाही के मकान में खोली गई थी। बाद में कार्यालय को तारामंडल क्षेत्र के बुद्ध विहार पार्ट-बी में स्थानांतरित कर दिया गया। सुग्रीव कुमार के अनुसार, उन्हें कंपनी में एबीएम (एरिया बिजनेस मैनेजर) के पद पर तैनात किया गया था।

Another accused arrested in the fraud case involving a fake multi-state cooperative.
ऑनलाइन ठगी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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ओरिएंटल किसान शक्ति एग्रो एंड डेयरी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के नाम पर कार्यालय खोलकर लोगों से ठगी का एक और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की गिरफ्तारी इसी प्रकरण में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई है।

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पुलिस ने मंगलवार को आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पकड़े गए आरोपी की पहचान खलीलाबाद के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित विधियानी रोड निवासी संजय यादव के रूप में हुई है।पुलिस के अनुसार संजय यादव गिरोह का सक्रिय गुर्गा था, जिसने सरकारी मान्यता प्राप्त मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव होने का झांसा देकर आम लोगों से लाखों रुपये निवेश के नाम पर जमा कराए थे।

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पूरे मामले की शुरुआत कंपनी के कर्मचारी सुग्रीव कुमार की शिकायत से हुई थी। सुग्रीव ने न्यायालय के आदेश पर दर्ज कराई गई प्राथमिकी में बताया कि ओरिएंटल किसान शक्ति एग्रो एंड डेयरी मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड को आरोपी भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से मान्यता प्राप्त संस्था बताते थे।

कंपनी का प्रधान कार्यालय लखनऊ के गोमतीनगर स्थित वैभव खंड में दर्शाया गया था, जबकि इसकी एक शाखा गोरखपुर में अभय प्रताप शाही के मकान में खोली गई थी। बाद में कार्यालय को तारामंडल क्षेत्र के बुद्ध विहार पार्ट-बी में स्थानांतरित कर दिया गया। सुग्रीव कुमार के अनुसार, उन्हें कंपनी में एबीएम (एरिया बिजनेस मैनेजर) के पद पर तैनात किया गया था।

इसी दौरान उन्होंने 175 लोगों से विभिन्न योजनाओं के तहत करीब 14.50 लाख रुपये कंपनी में जमा कराए थे। आरोप है कि दिसंबर 2019 में निवेश की समयावधि पूरी हो जाने के बावजूद खाताधारकों को उनकी जमा धनराशि और मुनाफे का भुगतान नहीं किया गया। समय बीतने के साथ निवेशकों की संख्या और ठगी की रकम करोड़ों रुपये तक पहुंच गई।

जब निवेशकों ने रुपये वापस मांगने शुरू किए तो उन्हें टालमटोल किया जाने लगा। पीड़ितों की शिकायत पर जब स्थानीय स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई तो सुग्रीव कुमार ने न्यायालय की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की।

विवेचना में आरोप सही पाए जाने पर पहले भी इस गिरोह से जुड़े कई आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भिजवा चुकी है। इसके बाद पुलिस ने संगठित ठगी को देखते हुए गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की, जिसमें अब संजय यादव की गिरफ्तारी की गई है।

गैंगस्टर एक्ट में वांछित आरोपी संजय यादव को गिरफ्तार कर मंगलवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी: योगेंद्र सिंह, सीओ कैंट
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