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Gorakhpur News: गलन बढ़ी तो बाड़े में नजर नहीं आए जानवर
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तेंदुए के बाड़े में लगा हीटर। स्रोत : चिड़ियाघर
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- हीटर-ब्लोअर की गर्माहट में सिमटे बाघ और शेर
अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। कड़ाके की ठंड और बढ़ती गलन का असर अब चिड़ियाघर के वन्यजीवों पर भी नजर आने लगा है। तापमान में गिरावट के साथ ही बाघ, शेर सहित अन्य संवेदनशील वन्यजीव ठंड से बचाव के लिए हीटर और ब्लोअर के सामने बैठे दिखाई दे रहे हैं। चिड़ियाघर प्रशासन ने जानवरों को सर्दी से राहत दिलाने के लिए पहले से ही विशेष इंतजाम कर रखे हैं।
चिड़ियाघर परिसर में बाघ, शेर और अन्य मांसाहारी वन्यजीवों के बाड़ों में हीटर और ब्लोअर लगाए गए हैं, ताकि उन्हें पर्याप्त गर्माहट मिल सके। ठंड बढ़ने के बाद बृहस्पतिवार को अधिकांश जानवर अपने बाड़ों के भीतर ही दुबके रहे और खुले हिस्सों में कम नजर आए। सुबह के समय घना कोहरा और ठंडी हवा होने के कारण जानवरों की गतिविधियां भी सीमित रहीं।
चिड़ियाघर प्रशासन की ओर से मौसम को देखते हुए जानवरों की खुराक में भी पहले ही बदलाव कर दिया गया है। ठंड के मौसम में उनकी ऊर्जा बनाए रखने के लिए आहार की मात्रा और गुणवत्ता में वृद्धि की गई है। विशेष रूप से मांसाहारी जानवरों को पर्याप्त पोषण दिया जा रहा है, जिससे वे ठंड से बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकें। हिरन के बाड़े में पुआल की व्यवस्था की गई है।
चिड़ियाघर के उप निदेशक एवं मुख्य वन्यजीव चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि वन्यजीवों की नियमित निगरानी की जा रही है। किसी भी जानवर में ठंड से जुड़ी परेशानी के लक्षण दिखने पर तत्काल उपचार की व्यवस्था की गई है। साथ ही बाड़ों में सूखी घास और आरामदायक शेल्टर भी उपलब्ध कराए गए हैं।
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अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। कड़ाके की ठंड और बढ़ती गलन का असर अब चिड़ियाघर के वन्यजीवों पर भी नजर आने लगा है। तापमान में गिरावट के साथ ही बाघ, शेर सहित अन्य संवेदनशील वन्यजीव ठंड से बचाव के लिए हीटर और ब्लोअर के सामने बैठे दिखाई दे रहे हैं। चिड़ियाघर प्रशासन ने जानवरों को सर्दी से राहत दिलाने के लिए पहले से ही विशेष इंतजाम कर रखे हैं।
चिड़ियाघर परिसर में बाघ, शेर और अन्य मांसाहारी वन्यजीवों के बाड़ों में हीटर और ब्लोअर लगाए गए हैं, ताकि उन्हें पर्याप्त गर्माहट मिल सके। ठंड बढ़ने के बाद बृहस्पतिवार को अधिकांश जानवर अपने बाड़ों के भीतर ही दुबके रहे और खुले हिस्सों में कम नजर आए। सुबह के समय घना कोहरा और ठंडी हवा होने के कारण जानवरों की गतिविधियां भी सीमित रहीं।
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चिड़ियाघर प्रशासन की ओर से मौसम को देखते हुए जानवरों की खुराक में भी पहले ही बदलाव कर दिया गया है। ठंड के मौसम में उनकी ऊर्जा बनाए रखने के लिए आहार की मात्रा और गुणवत्ता में वृद्धि की गई है। विशेष रूप से मांसाहारी जानवरों को पर्याप्त पोषण दिया जा रहा है, जिससे वे ठंड से बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकें। हिरन के बाड़े में पुआल की व्यवस्था की गई है।
चिड़ियाघर के उप निदेशक एवं मुख्य वन्यजीव चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि वन्यजीवों की नियमित निगरानी की जा रही है। किसी भी जानवर में ठंड से जुड़ी परेशानी के लक्षण दिखने पर तत्काल उपचार की व्यवस्था की गई है। साथ ही बाड़ों में सूखी घास और आरामदायक शेल्टर भी उपलब्ध कराए गए हैं।
