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दिवाली : आग से झुलसे 38 लोग उपचार के लिए पहुंचे, 8 गंभीर
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जिला अस्पताल में दो मरीज अभी भी भर्ती
गंभीर रूप से झुलसे 6 लोग मेडिकल कॉलेज रेफर
गोरखपुर। दीपावली के दिन आतिशबाजी के अति उत्साह में कई परिवारों की खुशियां मातम में बदल गई। दीपावली की एक रात में ही सिर्फ जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में आग से झुलसे 38 लोग पहुंचे। घायलों में छोटे बच्चे भी शामिल थे। जिला अस्पताल से गंभीर रूप से झुलसे 8 मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। फिलहाल सभी घायलों का उपचार रहा है।
अमटौरा की प्रिया सिंह परिवार के साथ दीपोत्सव की तैयारियों कर रही थीं। इसी बीच दीप की लौ से उनकी साड़ी में आग लग गई। दीपोत्सव का माहौल गम में बदल गया। परिजनों ने किसी तरह आग को बुझाया और उन्हें लेकर आनन-फानन में जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया है। इसी तरह भगत चौराहे के पास हिमांशू शर्मा घर में बिजली की लड़ी लगा रहे थे। लाइट लगाते हुए छत के ऊपर से जा रहे हाईटेंशन लाइन के संपर्क में आने से तेज धमाके के साथ शॉर्ट सर्किट होने से हिमांशु बुरी तरह से जल गए। परिजन उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया।
सीएमएस बीके सुमन ने बताया कि 20 की रात से लेकर 22 अक्तूबर की सुबह तक कुल 28 मरीज जिला अस्पताल में आग से झुलसने की वजह से आए थे। इनमें 20 लोग पटाखे और उसकी चिंगारी से जले थे। इन्हें प्राथमिक उपचार कर वापस घर भेज दिया गया। गंभीर रूप से झुलसे आठ लोगों को मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया। बुधवार की सुबह एक छोटी बच्ची आग से झुलसकर आई थी, उपचार कर उसे वापस भेज दिया गया। 2 लोग अभी भी जिला अस्पताल में भर्ती हैं। दिवाली के दिन देर तक अलग-अलग इलाकों के कुल 8 लोग पटाखों से झुलसने की वजह से उपचार के लिए मरीज पहुंचे थे।

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गंभीर रूप से झुलसे 6 लोग मेडिकल कॉलेज रेफर
गोरखपुर। दीपावली के दिन आतिशबाजी के अति उत्साह में कई परिवारों की खुशियां मातम में बदल गई। दीपावली की एक रात में ही सिर्फ जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में आग से झुलसे 38 लोग पहुंचे। घायलों में छोटे बच्चे भी शामिल थे। जिला अस्पताल से गंभीर रूप से झुलसे 8 मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। फिलहाल सभी घायलों का उपचार रहा है।
अमटौरा की प्रिया सिंह परिवार के साथ दीपोत्सव की तैयारियों कर रही थीं। इसी बीच दीप की लौ से उनकी साड़ी में आग लग गई। दीपोत्सव का माहौल गम में बदल गया। परिजनों ने किसी तरह आग को बुझाया और उन्हें लेकर आनन-फानन में जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया है। इसी तरह भगत चौराहे के पास हिमांशू शर्मा घर में बिजली की लड़ी लगा रहे थे। लाइट लगाते हुए छत के ऊपर से जा रहे हाईटेंशन लाइन के संपर्क में आने से तेज धमाके के साथ शॉर्ट सर्किट होने से हिमांशु बुरी तरह से जल गए। परिजन उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया।
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सीएमएस बीके सुमन ने बताया कि 20 की रात से लेकर 22 अक्तूबर की सुबह तक कुल 28 मरीज जिला अस्पताल में आग से झुलसने की वजह से आए थे। इनमें 20 लोग पटाखे और उसकी चिंगारी से जले थे। इन्हें प्राथमिक उपचार कर वापस घर भेज दिया गया। गंभीर रूप से झुलसे आठ लोगों को मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया। बुधवार की सुबह एक छोटी बच्ची आग से झुलसकर आई थी, उपचार कर उसे वापस भेज दिया गया। 2 लोग अभी भी जिला अस्पताल में भर्ती हैं। दिवाली के दिन देर तक अलग-अलग इलाकों के कुल 8 लोग पटाखों से झुलसने की वजह से उपचार के लिए मरीज पहुंचे थे।