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डिस्काउंट ऑफर का खेल : तीन चरणों की काउंसिल के बाद भी मात्र 15 प्रतिशत सीटें भरीं
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तीन चरणों की काउंसिलिंग के बाद डायरेक्ट एडमिशन में सामने आया बिचौलियों-कॉलेजों का खेल
40 से 50 प्रतिशत छूट के पोस्टर लगाकर कई कॉलेज कर रहे छात्रों को आकर्षित
कोई कॉलेज शासन से तय शुल्क से आधे में तो कोई उधारी में भी एडमिशन का दे रहा ऑफर
गोरखपुर। तीन चरणों की काउंसिलिंग के बाद भी बीएड की मात्र 15 प्रतिशत सीटें ही भर सकी हैं। बंपर डिस्काउंट ऑफर की गारंटी देकर बिचौलियों और कई कॉलेजों ने तीन चरणों की काउंसिलिंग तक बीएड के अभ्यर्थियों को प्रवेश से रोके रखा। अब डायरेक्ट एडमिशन का समय आया तो दलालों के साथ ही कई कॉलेज भी खुलकर सामने आने लगे हैं।
शासन की तरफ से बीएड प्रथम वर्ष का शुल्क 51,250 रुपये और दूसरे वर्ष का शुल्क 30 हजार रुपये निर्धारित है। बताया जा रहा है कि कई कॉलेज दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में 40 से 50 प्रतिशत तक की छूट दे रहे हैं। कुछ कॉलेज उधारी में भी प्रवेश देने का आकर्षक ऑफर दे रहे हैं। उधारी में प्रवेश देने वाले कॉलेजों का कहना है कि स्कॉलरशिप आने के बाद छात्र शुल्क जमा कर सकेंगे। सोशल मीडिया पर भी छूट का प्रचार किया जा रहा है।
कॉलेज तरह-तरह के वादे करके छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं। एक कॉलेज ने सोशल मीडिया पर जारी पोस्टर में लिखा है कि बीए और बीएड में कम से कम शुल्क में प्रवेश लेने के लिए इच्छुक छात्र-छात्राएं संपर्क करें। एक कॉलेज ने जारी पोस्टर में बीएड में 25 हजार रुपये डिस्काउंट का उल्लेख किया है। एक कॉलेज ने अभ्यर्थियों के मोबाइल पर व्हाट्सएप करते हुए लिखा है कि शिक्षण शुल्क में आकर्षक छूट एवं प्रवेश फॉर्म निशुल्क। एक कॉलेज ने जारी पोस्टर में लिखा है कि कम फीस के झांसे में न आएं। कॉलेज की मान्यता, वैधता और विश्वसनीयता पर भी ध्यान दें।
कॉलेजों से सीधी डील कर रहे बिचौलिए
बीएड प्रवेश को लेकर जून से अगस्त तक बिचौलियों ने गांवों से लेकर बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंचकर बड़ी संख्या में छात्रों से संपर्क कर उनसे रकम वसूल ली। अब वे कॉलेजों से सीधी डील कर अपना हिस्सा मांग रहे हैं। अब तो कई अभ्यर्थी भी कॉलेजों में फोन कर डिस्काउंट ऑफर की जानकारी ले रहे हैं।
43,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने दी थी प्रवेश परीक्षा
बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा एक जून को आयोजित हुई थी। इसमें गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर के 107 केंद्रों पर कुल 49,111 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। 43,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने प्रवेश परीक्षा दी थी। तब माना जा रहा था कि इस बार एडमिशन की होड़ दिखेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कॉलेजों में रिक्त हैं 7,900 सीटें
डीडीयू और संबद्ध लगभग 100 कॉलेजों में बीएड की मान्यता है। इनमें पांच केंद्रों पर वित्तपोषित और लगभग 95 केंद्रों पर सेल्फ फाइनेंस मोड में पढ़ाई होती है। कुल 9,400 सीटों में से तीन चरणों की काउंसिलिंग के बाद मात्र 1,500 सीटें ही भर सकी हैं। अभी भी लगभग 7,900 सीटों पर प्रवेश लिया जाना है।
फिर प्रवेश परीक्षा की क्या जरूरत
सेंट एंड्रयूज कॉलेज की बीएड विभाग की अध्यक्ष डॉ. रेखा रानी मिश्रा व सीआरडीए महिला पीजी कॉलेज की बीएड की विभागाध्यक्ष डॉ. अपर्णा मिश्रा कहती हैं कि अब तक स्ववित्तपोषित कॉलेजों में 5 से 20 प्रतिशत ही सीटें भर पाई हैं। अब डायरेक्ट एडमिशन के जरिए प्रवेश लिया जा रहा है। जब डायरेक्ट एडमिशन से ही प्रवेश लेना है तो संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा की जरूरत क्या है? यह मुद्दा शिक्षा विभाग के सामने उठाया जाएगा।

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40 से 50 प्रतिशत छूट के पोस्टर लगाकर कई कॉलेज कर रहे छात्रों को आकर्षित
कोई कॉलेज शासन से तय शुल्क से आधे में तो कोई उधारी में भी एडमिशन का दे रहा ऑफर
गोरखपुर। तीन चरणों की काउंसिलिंग के बाद भी बीएड की मात्र 15 प्रतिशत सीटें ही भर सकी हैं। बंपर डिस्काउंट ऑफर की गारंटी देकर बिचौलियों और कई कॉलेजों ने तीन चरणों की काउंसिलिंग तक बीएड के अभ्यर्थियों को प्रवेश से रोके रखा। अब डायरेक्ट एडमिशन का समय आया तो दलालों के साथ ही कई कॉलेज भी खुलकर सामने आने लगे हैं।
शासन की तरफ से बीएड प्रथम वर्ष का शुल्क 51,250 रुपये और दूसरे वर्ष का शुल्क 30 हजार रुपये निर्धारित है। बताया जा रहा है कि कई कॉलेज दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में 40 से 50 प्रतिशत तक की छूट दे रहे हैं। कुछ कॉलेज उधारी में भी प्रवेश देने का आकर्षक ऑफर दे रहे हैं। उधारी में प्रवेश देने वाले कॉलेजों का कहना है कि स्कॉलरशिप आने के बाद छात्र शुल्क जमा कर सकेंगे। सोशल मीडिया पर भी छूट का प्रचार किया जा रहा है।
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कॉलेज तरह-तरह के वादे करके छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं। एक कॉलेज ने सोशल मीडिया पर जारी पोस्टर में लिखा है कि बीए और बीएड में कम से कम शुल्क में प्रवेश लेने के लिए इच्छुक छात्र-छात्राएं संपर्क करें। एक कॉलेज ने जारी पोस्टर में बीएड में 25 हजार रुपये डिस्काउंट का उल्लेख किया है। एक कॉलेज ने अभ्यर्थियों के मोबाइल पर व्हाट्सएप करते हुए लिखा है कि शिक्षण शुल्क में आकर्षक छूट एवं प्रवेश फॉर्म निशुल्क। एक कॉलेज ने जारी पोस्टर में लिखा है कि कम फीस के झांसे में न आएं। कॉलेज की मान्यता, वैधता और विश्वसनीयता पर भी ध्यान दें।
कॉलेजों से सीधी डील कर रहे बिचौलिए
बीएड प्रवेश को लेकर जून से अगस्त तक बिचौलियों ने गांवों से लेकर बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंचकर बड़ी संख्या में छात्रों से संपर्क कर उनसे रकम वसूल ली। अब वे कॉलेजों से सीधी डील कर अपना हिस्सा मांग रहे हैं। अब तो कई अभ्यर्थी भी कॉलेजों में फोन कर डिस्काउंट ऑफर की जानकारी ले रहे हैं।
43,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने दी थी प्रवेश परीक्षा
बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा एक जून को आयोजित हुई थी। इसमें गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर के 107 केंद्रों पर कुल 49,111 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। 43,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने प्रवेश परीक्षा दी थी। तब माना जा रहा था कि इस बार एडमिशन की होड़ दिखेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कॉलेजों में रिक्त हैं 7,900 सीटें
डीडीयू और संबद्ध लगभग 100 कॉलेजों में बीएड की मान्यता है। इनमें पांच केंद्रों पर वित्तपोषित और लगभग 95 केंद्रों पर सेल्फ फाइनेंस मोड में पढ़ाई होती है। कुल 9,400 सीटों में से तीन चरणों की काउंसिलिंग के बाद मात्र 1,500 सीटें ही भर सकी हैं। अभी भी लगभग 7,900 सीटों पर प्रवेश लिया जाना है।
फिर प्रवेश परीक्षा की क्या जरूरत
सेंट एंड्रयूज कॉलेज की बीएड विभाग की अध्यक्ष डॉ. रेखा रानी मिश्रा व सीआरडीए महिला पीजी कॉलेज की बीएड की विभागाध्यक्ष डॉ. अपर्णा मिश्रा कहती हैं कि अब तक स्ववित्तपोषित कॉलेजों में 5 से 20 प्रतिशत ही सीटें भर पाई हैं। अब डायरेक्ट एडमिशन के जरिए प्रवेश लिया जा रहा है। जब डायरेक्ट एडमिशन से ही प्रवेश लेना है तो संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा की जरूरत क्या है? यह मुद्दा शिक्षा विभाग के सामने उठाया जाएगा।