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इन्वेस्टमेंट ठगी: ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 16.28 लाख की ठगी, 9 पर प्राथमिकी, व्हाट्सएप ग्रुप करते थे फ्रॉड
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर
Published by: रोहित सिंह
Updated Wed, 17 Dec 2025 12:23 PM IST
सार
अमन पांडेय ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 17 अक्तूबर को उन्हें व्हाट्सएप पर “93 डीबीएस एनेलिस्ट फोरम” नामक एक ग्रुप में अचानक जोड़ दिया गया। इस ग्रुप में रोजाना ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट से जुड़े टिप्स दिए जाते थे।
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ऑनलाइन फ्रॉड से सावधान!
- फोटो : istock
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विस्तार
ऑनलाइन ट्रेडिंग और निवेश में भारी मुनाफे का लालच देकर साइबर ठगों ने युवक अमन से करीब 16.28 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर ली। पीड़ित की शिकायत पर कोतवाली थाने में नौ आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। इसमें रजत वर्मा, मीना भट्ट, नीना थक्कर को नामजद किया गया है। पुलिस, साइबर सेल की मदद से ठगों के नेटवर्क व बैंक खातों की पड़ताल कर रही है।
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कोतवाली थाना क्षेत्र के आर्यनगर उत्तरी, अमर सिंह पब्लिक स्कूल के पास रहने वाले अमन पांडेय ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 17 अक्तूबर को उन्हें व्हाट्सएप पर “93 डीबीएस एनेलिस्ट फोरम” नामक एक ग्रुप में अचानक जोड़ दिया गया। इस ग्रुप में रोजाना ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट से जुड़े टिप्स दिए जाते थे।
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ग्रुप में रजत वर्मा और मीना भट्ट नामक लोग निवेश की सलाह देते थे। कुछ समय बाद नीना थक्कर नाम की महिला ने निजी संदेश भेजकर निवेश से होने वाले मुनाफे के स्क्रीनशॉट दिखाए और उन्हें निवेश के लिए प्रेरित किया।
पीड़ित के अनुसार, तीन नवंबर को उन्होंने निवेश के लिए आवेदन किया, जिसे पांच नवंबर को स्वीकृत कर लिया गया। इसके बाद अलग-अलग बैंक खातों में रकम जमा कराई गई। शुरुआत में निवेश पर मुनाफा दिखाया गया और कुछ राशि उनके खाते में वापस भी भेजी गई, जिससे उनका भरोसा बढ़ गया। ठगों ने पहले स्टॉक फिर आईपीओ और ओटीसी स्टॉक में निवेश कराया और खाते में लाखों रुपये का मुनाफा दिखाया गया।
अमन पांडेय का आरोप है कि बाद में उन्हें अधिक राशि के आईपीओ अलॉटमेंट में फंसा दिया गया। कहा गया कि यदि पूरी रकम जमा नहीं की गई तो अब तक का सारा पैसा होल्ड हो जाएगा। डर के कारण उन्होंने लोन और उधार लेकर अलग-अलग खातों में लाखों रुपये ट्रांसफर किए।
उनके खाते में बैलेंस 40 लाख रुपये से अधिक दिखाया गया लेकिन जब उन्होंने रकम निकालने की कोशिश की तो बार-बार निकासी असफल होती रही। आखिरकार एक दिसंबर को उनसे 14 लाख रुपये की ‘सर्विस फीस’ मांगी गई, जिस पर उन्हें ठगी का एहसास हुआ।
इसके बाद दो दिसंबर को उन्होंने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। अब कोतवाली थाने में भी प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। इसके बाद पुलिस ने 7.18 लाख रुपये होल्ड करा दिए। बाकी रुपये आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और हरिद्वार से सात बार में निकाले गए हैं।
कोतवाली थाना प्रभारी छत्रपाल सिंह ने बताया कि मामला संगठित साइबर ठगी से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर जांच की जा रही है। लोगों से अपील है कि वे ऑनलाइन निवेश के नाम पर आने वाले अनजान कॉल, मैसेज और ग्रुप से सावधान रहें और बिना सत्यापन किसी भी लिंक या खाते में धनराशि न भेजें।
