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Gorakhpur News: शेयरहोल्डिंग और नाम परिवर्तन से जुड़े नियमों को बनाएं सरल
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- चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज ने मुख्यमंत्री योगी को सौंपा ज्ञापन, औद्योगिक नीतियों में सुधार की मांग
अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों ने सोमवार को गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर औद्योगिक विकास से जुड़े मुद्दों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश सरकार की ओर से औद्योगिक विकास को गति देने के लिए गए निर्णयों की सराहना करते हुए कहा कि गीडा क्षेत्र में बड़े उद्योगों की निवेश रुचि बढ़ी है।
पदाधिकारियों ने उद्योग विस्तार के दौरान पंजीकरण, शेयरहोल्डिंग और नाम परिवर्तन से जुड़े नियमों को सरल बनाने, री-कॉन्स्टीट्यूशन मामलों में री-एंट्री शुल्क से राहत देने और भूमि प्रीमियम के पूर्ण भुगतान के बाद बैंकों के लिए सामान्य अनापत्ति पत्र जारी करने की मांग की। इससे विशेषकर छोटे उद्यमियों को वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने में सुविधा मिलेगी।
ज्ञापन में गीडा में उत्पादनरत प्रमाणपत्र और पूर्णता प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को सरल करने, रखरखाव शुल्क पर बढ़ते ब्याज को कम करने के लिए विशेष योजना लाने और विभिन्न विभागों में नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को एकीकृत करने का सुझाव दिया गया। इसके अलावा फैक्टरी एक्ट से जुड़ी जटिलताओं में छूट, सभी औद्योगिक प्राधिकरणों के लिए एक समान नियमावली और बिजली बिल में टीडीएस कटौती पर स्पष्ट दिशा-निर्देश की मांग की गई।
चैंबर ने पूर्वांचल में निर्यात बढ़ाने के लिए गीडा में ड्राई पोर्ट की स्थापना, औद्योगिक क्षेत्रों में हाउस टैक्स में कमी, किफायती बिजली दरें, जीएसटी संरचना में सुधार और एमएसएमई नीतियों के तहत सब्सिडी भुगतान में तेजी की भी अपील की। इस दौरान विष्णु अजीतसारिया, आरएन सिंह, एसके अग्रवाल और प्रवीण मोदी आदि मौजूद रहे।
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अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों ने सोमवार को गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर औद्योगिक विकास से जुड़े मुद्दों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश सरकार की ओर से औद्योगिक विकास को गति देने के लिए गए निर्णयों की सराहना करते हुए कहा कि गीडा क्षेत्र में बड़े उद्योगों की निवेश रुचि बढ़ी है।
पदाधिकारियों ने उद्योग विस्तार के दौरान पंजीकरण, शेयरहोल्डिंग और नाम परिवर्तन से जुड़े नियमों को सरल बनाने, री-कॉन्स्टीट्यूशन मामलों में री-एंट्री शुल्क से राहत देने और भूमि प्रीमियम के पूर्ण भुगतान के बाद बैंकों के लिए सामान्य अनापत्ति पत्र जारी करने की मांग की। इससे विशेषकर छोटे उद्यमियों को वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने में सुविधा मिलेगी।
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ज्ञापन में गीडा में उत्पादनरत प्रमाणपत्र और पूर्णता प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को सरल करने, रखरखाव शुल्क पर बढ़ते ब्याज को कम करने के लिए विशेष योजना लाने और विभिन्न विभागों में नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को एकीकृत करने का सुझाव दिया गया। इसके अलावा फैक्टरी एक्ट से जुड़ी जटिलताओं में छूट, सभी औद्योगिक प्राधिकरणों के लिए एक समान नियमावली और बिजली बिल में टीडीएस कटौती पर स्पष्ट दिशा-निर्देश की मांग की गई।
चैंबर ने पूर्वांचल में निर्यात बढ़ाने के लिए गीडा में ड्राई पोर्ट की स्थापना, औद्योगिक क्षेत्रों में हाउस टैक्स में कमी, किफायती बिजली दरें, जीएसटी संरचना में सुधार और एमएसएमई नीतियों के तहत सब्सिडी भुगतान में तेजी की भी अपील की। इस दौरान विष्णु अजीतसारिया, आरएन सिंह, एसके अग्रवाल और प्रवीण मोदी आदि मौजूद रहे।
