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Gorakhpur News: बहरामपुर और अमरूद मंडी में रोहिंग्या के रहने की आशंका, होगा सत्यापन
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर
Published by: गोरखपुर ब्यूरो
Updated Wed, 10 Dec 2025 11:46 AM IST
सार
मंगलवार को दोपहर एक बजे के करीब एक झोपड़ी के सामने एक व्यक्ति कचरे के ढेर से तार निकाल रहा था। झोपड़ी में महिलाएं और बच्चे थे। उसने बताया कि वे असम से यहां आया है। कूड़ा बीनकर परिवार का गुजारा करता है। स्थानीय निवासी अभिषेक ने बताया कि नदी किनारे रहने वाले इन लोगों ने जमीन की रजिस्ट्री भी करा ली है।
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महेवा मंडी के पास बेतियाहाता में झोपडी में रह रहे लोग
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
शहर के कुछ इलाकों में रोहिंग्या के रहने की आशंका है। पुलिस अब इनका सत्यापन करेगी। हार्बर्ट बांध किनारे बहरामपुर और अमरूद मंडी के पास झुग्गियों में बड़ी संख्या में लोग रह रहे हैं। बोली और भाषा की वजह से आसपास के लोग इन्हें संदिग्ध मान रहे हैं।
शासन के निर्देश के बाद प्रदेश भर में रोहिंग्या की तलाश शुरू हो गई है। कई इलाकों में पुलिस जाकर संदिग्ध लोगों का सत्यापन कर रही है। हार्बर्ट बांध किनारे बहरामपुर में नदी के डूब क्षेत्र में करीब 50 झुग्गियों में 200 से ज्यादा लोग रह रहे हैं।
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शासन के निर्देश के बाद प्रदेश भर में रोहिंग्या की तलाश शुरू हो गई है। कई इलाकों में पुलिस जाकर संदिग्ध लोगों का सत्यापन कर रही है। हार्बर्ट बांध किनारे बहरामपुर में नदी के डूब क्षेत्र में करीब 50 झुग्गियों में 200 से ज्यादा लोग रह रहे हैं।
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सूत्रों ने बताया कि पिछले दो से तीन वर्षों में इनकी संख्या तेजी से बढ़ी है। कुछ ने तो यहां का आधार कार्ड भी बनवा लिया है। स्थानीय निवासी राकेश ने बताया कि इनकी बोली और भाषा से ये लोग संदिग्ध लगते हैं।
झुग्गी में रहने वाले लगभग सभी लोग कूड़ा बीनने का काम करते हैं।
मंगलवार को दोपहर एक बजे के करीब एक झोपड़ी के सामने एक व्यक्ति कचरे के ढेर से तार निकाल रहा था। झोपड़ी में महिलाएं और बच्चे थे। उसने बताया कि वे असम से यहां आया है। कूड़ा बीनकर परिवार का गुजारा करता है।
स्थानीय निवासी अभिषेक ने बताया कि नदी किनारे रहने वाले इन लोगों ने जमीन की रजिस्ट्री भी करा ली है। कहा कि इसमें कुछ बांग्लादेशी लगते हैं। झुग्गी की तरफ जाने पर पूछने लगते हैं कि क्या करने इधर आए हो।
झुग्गी में रहने वाले लगभग सभी लोग कूड़ा बीनने का काम करते हैं।
मंगलवार को दोपहर एक बजे के करीब एक झोपड़ी के सामने एक व्यक्ति कचरे के ढेर से तार निकाल रहा था। झोपड़ी में महिलाएं और बच्चे थे। उसने बताया कि वे असम से यहां आया है। कूड़ा बीनकर परिवार का गुजारा करता है।
स्थानीय निवासी अभिषेक ने बताया कि नदी किनारे रहने वाले इन लोगों ने जमीन की रजिस्ट्री भी करा ली है। कहा कि इसमें कुछ बांग्लादेशी लगते हैं। झुग्गी की तरफ जाने पर पूछने लगते हैं कि क्या करने इधर आए हो।
अमरूद मंडी के पास भी संदिग्ध
ट्रांसपोर्टनगर के पास अमरूद मंडी में भी झोपड़ियों में कुछ संदिग्ध रह रहे हैं। आसपास के लोगों का कहना है कि इनके पास कोई डॉक्यूमेंट भी नहीं है। करीब 10 साल पहले इनकी संख्या बहुत कम थी। धीरे-धीरे इन्होंने 40 से 50 झुग्गी डाल दी। अब अंदर जाने पर यह लोगों को पकड़ लेते हैं। यदि कोई फोटो या वीडियो बनाने की कोशिश करता है तो उसे धमकी भी देते हैं।
एमआरएफ सेंटर में ठप हो गया है काम
नगर निगम के एमआरएफ सेंटर में असम के ही कुछ लोग कूड़े की छंटाई का काम करते थे। रोहिंग्या के संदेह होने पर वहां काम रोक दिया गया है। ये सभी अपने-आपको असम निवासी बताते हैं और बांग्ला बोलते हैं। ऐसे में बांग्लादेशी या रोहिंग्या की आशंका में उनका सत्यापन करने का काम शुरू किया गया है। एजेंसी संचालक ने फिलहाल इन कर्मचारियों से काम लेना बंद कर दिया है।
जांच पूरी होने के बाद ही उन्हें दोबारा काम पर लगाया जाएगा। इससे पहले जिन कर्मचारियों के आधार कार्ड और स्थायी पते से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध हैं, उन्हें भी पुलिस सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने तक सेवाओं से रोक दिया गया है। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि शहर में बस्तियाें में टीम जाकर संदिग्धों की जांच कर रही है।
ट्रांसपोर्टनगर के पास अमरूद मंडी में भी झोपड़ियों में कुछ संदिग्ध रह रहे हैं। आसपास के लोगों का कहना है कि इनके पास कोई डॉक्यूमेंट भी नहीं है। करीब 10 साल पहले इनकी संख्या बहुत कम थी। धीरे-धीरे इन्होंने 40 से 50 झुग्गी डाल दी। अब अंदर जाने पर यह लोगों को पकड़ लेते हैं। यदि कोई फोटो या वीडियो बनाने की कोशिश करता है तो उसे धमकी भी देते हैं।
एमआरएफ सेंटर में ठप हो गया है काम
नगर निगम के एमआरएफ सेंटर में असम के ही कुछ लोग कूड़े की छंटाई का काम करते थे। रोहिंग्या के संदेह होने पर वहां काम रोक दिया गया है। ये सभी अपने-आपको असम निवासी बताते हैं और बांग्ला बोलते हैं। ऐसे में बांग्लादेशी या रोहिंग्या की आशंका में उनका सत्यापन करने का काम शुरू किया गया है। एजेंसी संचालक ने फिलहाल इन कर्मचारियों से काम लेना बंद कर दिया है।
जांच पूरी होने के बाद ही उन्हें दोबारा काम पर लगाया जाएगा। इससे पहले जिन कर्मचारियों के आधार कार्ड और स्थायी पते से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध हैं, उन्हें भी पुलिस सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने तक सेवाओं से रोक दिया गया है। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि शहर में बस्तियाें में टीम जाकर संदिग्धों की जांच कर रही है।