सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Gorakhpur News ›   Indian knowledge tradition panels should be made in all the departments of DDU.

Gorakhpur News: डीडीयू के सभी विभागों में भारतीय ज्ञान परंपरा फलक बने

Gorakhpur Bureau गोरखपुर ब्यूरो
Updated Wed, 10 Dec 2025 12:20 AM IST
विज्ञापन
Indian knowledge tradition panels should be made in all the departments of DDU.
विज्ञापन
- प्रदेश सरकार के निर्देश पर डीडीयू में आयोजित हुआ आईकेएस कॉनक्लेव, आए 24 महत्वपूर्ण सुझाव
Trending Videos

- सुझावों को शासन को सौंपेगा विश्वविद्यालय, इसी हफ्ते नीति आयोग की बैठक में होगी चर्चा
अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति ने मंगलवार को सभी विभागों से आह्वान किया कि वे अपने-अपने विभाग में भारतीय ज्ञान परंपरा (आईकेएस) से संबंधित वॉल बनाएं। इस फलक पर ऐसे सूत्र और चित्र लगाएं, जो विद्यार्थियों को शिक्षित और प्रेरित करें।
कुलपति मंगलवार को भारतीय ज्ञान परंपरा पर केंद्रित कॉन्क्लेव की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान सभी विषयों और अध्ययन के लिए मार्गदर्शन का अमूल्य स्रोत है। मुख्य अतिथि, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के पूर्व कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि भारत की आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों को दुनियाभर में मान्यता और प्रतिष्ठा मिल चुकी है।
विज्ञापन
विज्ञापन

विशेषज्ञ वक्तव्य में दत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान, भोपाल के निदेशक डॉ. मुकेश मिश्र ने शिक्षा केंद्रों में आईकेएस सेल के गठन और ज्ञान परंपरा विषयक वार्षिक आयोजन कैलेंडर तैयार करने जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। अमरकंटक विश्वविद्यालय के प्रो. आलोक श्रोत्रिय ने भी अपने विचार रखे। कॉन्क्लेव के संयोजक प्रो. हर्ष सिन्हा ने बताया कि सभी विचारों को संकलित करके प्रदेश शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इन सुझावों पर इसी सप्ताह नीति आयोग में चर्चा होगी। कॉन्क्लेव में सभी डीन, विभागाध्यक्ष और निदेशकों ने अपने-अपने विषयों में संभावित पाठ्यक्रमों, परियोजनाओं और रणनीतियों पर विचार व्यक्त किए। आभार ज्ञापन कुलसचिव डीके श्रीवास्तव ने किया।

कॉनक्लेव में आए प्रमुख सुझाव
नाथ पंथ के केंद्र एवं योग दर्शन पाठ्यक्रम, गीता अध्ययन में डिप्लोमा, भारतीय ज्ञान परंपरा में नेतृत्व सूत्र, एआई आधारित आंचलिक भाषा मॉडल, खगोलीय एवं आयुर्वेद केंद्रित बहुविषयक कोर्स, वैदिक गणित के बहुविषयक अनुप्रयोग, भारतीय भाषाओं के लोक साहित्य का संकलन, पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के प्रयोगकर्ताओं का संकलन, प्राचीन मनोशास्त्र पद्धतियां, कृषि पर्यटन एवं पादप औषधि शास्त्र अध्ययन, प्राचीन ज्ञान सूत्रों का अंग्रेजी एवं अन्य भाषाओं में अनुवाद, प्राचीन भारतीय व्यंजन एवं उनके पोषक तत्व, माइंडफुलनेस के बौद्ध सूत्र, वाचिक परंपराओं का संकलन, योग एवं मानव व्यवहार, मौसम एवं आपदा संकेतक ज्ञान का संकलन, लोकोक्तियों एवं कहावतों का संकलन, प्राचीन पशुचिकित्सा शास्त्र के आधुनिक उपयोग, जनजातीय ज्ञान सूत्रों का संकलन, भारत में अभियांत्रिकी की विकास यात्रा, आयुर्वेदिक जीवशास्त्र का अध्ययन, संस्कृति सूचक शब्द व्युत्पत्ति केंद्र की स्थापना, पारंपरिक लोक कला, संगीत, भित्ति चित्र का संकलन, सूक्ष्मजीव विविधता अध्ययन केंद्र।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed