{"_id":"694840801d6806f60707e5d4","slug":"now-more-than-20-tube-wells-will-be-maintained-by-a-private-agency-ambala-news-c-36-1-amb1001-155034-2025-12-22","type":"story","status":"publish","title_hn":"Ambala News: अब 20 से अधिक ट्यूबवेल का प्राइवेट एजेंसी करेगी रख-रखाव","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Ambala News: अब 20 से अधिक ट्यूबवेल का प्राइवेट एजेंसी करेगी रख-रखाव
संवाद न्यूज एजेंसी, अंबाला
Updated Mon, 22 Dec 2025 12:16 AM IST
विज्ञापन
अंबाला छावनी स्थित कैंटोनमेंट बोर्ड का कार्यालय। फाइल फोटो
विज्ञापन
अंबाला। 20 से अधिक ट्यूबवलों का रख-रखाव प्राइवेट एजेंसी के सुपुर्द किया जाएगा। कैंटोनमेंट बोर्ड ने यह योजना तैयार की है। इस योजना पर लगभग 48 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। बोर्ड ने इस कार्य से जुड़ी निविदा जारी कर दी है ताकि जल्द एजेंसी को काम सौंपकर ट्यूबवेलों की देख-रेख का कार्य शुरू हो सके और स्थानीय निवासियों को बिना किसी परेशानी के साफ व स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाया जा सके।
बोर्ड के अधीन जिन-जिन क्षेत्रों में ट्यूबवेल लगे हुए हैं, वहां एजेंसी लगातार निगरानी रखेगी। इस दौरान अगर ट्यूबवेल में किसी प्रकार की कोई दिक्कत आएगी तो उसका समाधान भी एजेंसी द्वारा त्वरित किया जाएगा। इसके अलावा ट्यूबवेल के पानी की गुणवत्ता का भी ध्यान रखना एजेंसी का काम होगा ताकि बोर्ड क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सेहत पर गंदे पानी की वजह से कोई दुष्प्रभाव न पड़े।
आठ वार्ड में रहते हैं 60 हजार लोग
कैंटोनमेंट बोर्ड के अधीन आठ वार्ड हैं, इनमें आबादी भी लगभग 60 हजार के करीब हैं। ऐसे में मूलभूत सुविधाओं में वृद्धि व विस्तार को लेकर बोर्ड प्रबंधन की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। पहले जहां बोर्ड की ओर से कुछ वार्डों में सड़कों का निर्माण करवाया गया था, वहीं नालियां और ड्रेन आदि भी बनाई गई थीं। इसी कड़ी में अब घरों में इस्तेमाल होने वाले पानी की निर्विघ्न सप्लाई के लिए भी ट्यूबवेलों के रख-रखाव का कार्य प्राइवेट एजेंसी को सौंपा जा रहा है ताकि वार्ड स्तर पर लोगों को पानी की किल्लत व गंदे पानी की समस्या से न जूझना पड़े।
पहले बोर्ड देखता था काम
बोर्ड के अधीन ट्यूबवेलों का काम पहले अपने स्तर पर देखा जाता था, हालांकि इस कार्य में प्राइवेट कर्मचारियों की मदद ली जाती थी। लेकिन कई बार कर्मचारी न मिलने के कारण समस्या का समाधान नहीं हो पाता था। लेकिन प्राइवेट एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी, वहीं पानी से जुड़ी समस्या के समाधान को लेकर एक हेल्पलाइन नंबर भी विभाग द्वारा जारी किया जाएगा। वर्जन
कैंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुविधाओं के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब ट्यूबवेलों के रख-रखाव का कार्य भी प्राइवेट एजेंसी को देने का फैसला किया गया है ताकि वार्ड के लोगों को पानी की समस्या से न जूझना पड़े और उन्हें साफ व स्वच्छ पानी मिलता रहे।
- राहुल आनंद शर्मा, सीईओ, कैंट बोर्ड
Trending Videos
बोर्ड के अधीन जिन-जिन क्षेत्रों में ट्यूबवेल लगे हुए हैं, वहां एजेंसी लगातार निगरानी रखेगी। इस दौरान अगर ट्यूबवेल में किसी प्रकार की कोई दिक्कत आएगी तो उसका समाधान भी एजेंसी द्वारा त्वरित किया जाएगा। इसके अलावा ट्यूबवेल के पानी की गुणवत्ता का भी ध्यान रखना एजेंसी का काम होगा ताकि बोर्ड क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सेहत पर गंदे पानी की वजह से कोई दुष्प्रभाव न पड़े।
विज्ञापन
विज्ञापन
आठ वार्ड में रहते हैं 60 हजार लोग
कैंटोनमेंट बोर्ड के अधीन आठ वार्ड हैं, इनमें आबादी भी लगभग 60 हजार के करीब हैं। ऐसे में मूलभूत सुविधाओं में वृद्धि व विस्तार को लेकर बोर्ड प्रबंधन की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। पहले जहां बोर्ड की ओर से कुछ वार्डों में सड़कों का निर्माण करवाया गया था, वहीं नालियां और ड्रेन आदि भी बनाई गई थीं। इसी कड़ी में अब घरों में इस्तेमाल होने वाले पानी की निर्विघ्न सप्लाई के लिए भी ट्यूबवेलों के रख-रखाव का कार्य प्राइवेट एजेंसी को सौंपा जा रहा है ताकि वार्ड स्तर पर लोगों को पानी की किल्लत व गंदे पानी की समस्या से न जूझना पड़े।
पहले बोर्ड देखता था काम
बोर्ड के अधीन ट्यूबवेलों का काम पहले अपने स्तर पर देखा जाता था, हालांकि इस कार्य में प्राइवेट कर्मचारियों की मदद ली जाती थी। लेकिन कई बार कर्मचारी न मिलने के कारण समस्या का समाधान नहीं हो पाता था। लेकिन प्राइवेट एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी, वहीं पानी से जुड़ी समस्या के समाधान को लेकर एक हेल्पलाइन नंबर भी विभाग द्वारा जारी किया जाएगा। वर्जन
कैंटोनमेंट बोर्ड क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुविधाओं के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब ट्यूबवेलों के रख-रखाव का कार्य भी प्राइवेट एजेंसी को देने का फैसला किया गया है ताकि वार्ड के लोगों को पानी की समस्या से न जूझना पड़े और उन्हें साफ व स्वच्छ पानी मिलता रहे।
- राहुल आनंद शर्मा, सीईओ, कैंट बोर्ड