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Kaithal News: टीम ने 11 महीनों में 158 नमूने भरे, 58 खाद्य पदार्थ मानकों पर नहीं उतरे खरे
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:56 PM IST
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21kht_7_एक फैक्ट्री पर छापेमारी करते हुए विभाग की टीम। फाइल
- फोटो : रिसिया में निकाली गई यात्रा में शामिल लोग।
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कैथल। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जनवरी 2025 से नवंबर तक अलग-अलग जगहों से 158 खाद्य पदार्थों के नमूने भरे हैं, जिनमें 5 नमूने असुरक्षित जबकि 53 नमूने के मानक गुणवत्ता से कम मिले हैं। वहीं 74 अन्य जगहों पर जाकर विभाग की टीम ने खाद्य पदार्थों के मानकों को परखा है। जिनमें रसगुल्ले, मिल्क केक, बेसन, तेल, खोवा, पनीर सहित विभिन्न खाद्य पदार्थों के नमूने शामिल रहे।
जानकारी के अनुसार विभाग की टीम ने जनवरी 2025 से नवंबर तक कैथल, पूंडरी, कलायत, पाई, कांगथली और सीवन में अलग-अलग जगहों पर छापा मारकर नमूने भरे थे। इस दौरान लगभग 2000 किलो पनीर, 25,000 लीटर दूध नष्ट, और 2300 लीटर पाम आयल, 1600 किलो घी, 3750 किलो स्किम्ड मिल्क पाउडर सील किया गया था। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी डॉ. पवन चहल ने चेतावनी दी कि नकली घी, रंग, बेसन और मिलावटी दूध उत्पाद इस्तेमाल करने वाले किसी भी दुकानदार या फैक्टरी संचालक को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी मिलावटी मिठाइयां और उत्पाद खाद्य विषाक्तता, एलर्जी, लीवर और किडनी संबंधी बीमारियाें को पैदा कर सकती हैं।
विभाग की तरफ से लिए गए नमूनों का ब्योरा-
महीना लिए गए सैंपल
जनवरी 7
फरवरी 13
मार्च 6
अप्रैल 13
मई 10
जून 11
जुलाई 19
अगस्त से अक्तूबर 51
नवंबर 28
कुल- 158
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खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की नियमित कार्रवाई से न केवल मिलावट पर अंकुश लगेगा, बल्कि दुकानदारों और निर्माताओं में भी गुणवत्ता को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। खासकर दूध और दूध से बने उत्पादों में मिलावट की शिकायतें अक्सर सामने आती हैं, ऐसे में विभाग की सक्रियता आमजन के लिए राहत की बात है।
वर्जन
विभाग का मुख्य उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ताओं को शुद्ध, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री मिले। भविष्य में भी इसी तरह नियमित निरीक्षण जारी रहेंगे और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने दुकानदारों और खाद्य पदार्थ बनाने वाले व्यापारियों से अपील की है कि वे स्वयं भी गुणवत्ता को लेकर सतर्क रहें। खाद्य सामग्री में किसी भी प्रकार की मिलावट न करें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और लाइसेंस व अन्य जरूरी दस्तावेज अपडेट रखें। वहीं आम लोगों से भी अपील की गई है कि वे खाद्य पदार्थ खरीदते समय सतर्क रहें, संदिग्ध गुणवत्ता या मिलावट की शिकायत विभाग को तुरंत दें।
डॉ. पवन चहल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, कैथल
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जानकारी के अनुसार विभाग की टीम ने जनवरी 2025 से नवंबर तक कैथल, पूंडरी, कलायत, पाई, कांगथली और सीवन में अलग-अलग जगहों पर छापा मारकर नमूने भरे थे। इस दौरान लगभग 2000 किलो पनीर, 25,000 लीटर दूध नष्ट, और 2300 लीटर पाम आयल, 1600 किलो घी, 3750 किलो स्किम्ड मिल्क पाउडर सील किया गया था। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी डॉ. पवन चहल ने चेतावनी दी कि नकली घी, रंग, बेसन और मिलावटी दूध उत्पाद इस्तेमाल करने वाले किसी भी दुकानदार या फैक्टरी संचालक को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी मिलावटी मिठाइयां और उत्पाद खाद्य विषाक्तता, एलर्जी, लीवर और किडनी संबंधी बीमारियाें को पैदा कर सकती हैं।
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विभाग की तरफ से लिए गए नमूनों का ब्योरा-
महीना लिए गए सैंपल
जनवरी 7
फरवरी 13
मार्च 6
अप्रैल 13
मई 10
जून 11
जुलाई 19
अगस्त से अक्तूबर 51
नवंबर 28
कुल- 158
खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की नियमित कार्रवाई से न केवल मिलावट पर अंकुश लगेगा, बल्कि दुकानदारों और निर्माताओं में भी गुणवत्ता को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। खासकर दूध और दूध से बने उत्पादों में मिलावट की शिकायतें अक्सर सामने आती हैं, ऐसे में विभाग की सक्रियता आमजन के लिए राहत की बात है।
वर्जन
विभाग का मुख्य उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ताओं को शुद्ध, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री मिले। भविष्य में भी इसी तरह नियमित निरीक्षण जारी रहेंगे और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने दुकानदारों और खाद्य पदार्थ बनाने वाले व्यापारियों से अपील की है कि वे स्वयं भी गुणवत्ता को लेकर सतर्क रहें। खाद्य सामग्री में किसी भी प्रकार की मिलावट न करें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और लाइसेंस व अन्य जरूरी दस्तावेज अपडेट रखें। वहीं आम लोगों से भी अपील की गई है कि वे खाद्य पदार्थ खरीदते समय सतर्क रहें, संदिग्ध गुणवत्ता या मिलावट की शिकायत विभाग को तुरंत दें।
डॉ. पवन चहल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, कैथल