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भारत का विकसित राष्ट्र बनना केवल आर्थिक विकास तक नहीं : प्रो. धीरज
संवाद न्यूज एजेंसी, रोहतक
Updated Mon, 22 Dec 2025 02:13 AM IST
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28.. रोहतक के आईआईएम में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जन
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रोहतक। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रोहतक में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में विकसित भारत-2047 के लक्ष्य को लेकर मंथन हुआ। निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने कहा कि भारत का विकसित राष्ट्र बनना केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है बल्कि इसके लिए सुरक्षा, तकनीक, सामाजिक संतुलन और नागरिक सोच का विकसित होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक सुरक्षा को मजबूत करने की कोशिशें कई बार नई जटिलताएं पैदा कर देती हैं। हथियारों पर भारी निवेश हमेशा प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त नहीं देता। उन्होंने कहा कि डिजिटल और वित्तीय साक्षरता के बीच असंतुलन से आम नागरिक वित्तीय जोखिमों के प्रति ज्यादा असुरक्षित हो रहा है।
लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा कि किसी भी देश की समृद्धि की नींव मजबूत आंतरिक और बाहरी सुरक्षा व्यवस्था पर टिकी होती है। ले. जनरल फिलिप कैंपोज (सेवानिवृत्त) ने कहा कि असली सुरक्षा केवल सैन्य ताकत से नहीं बल्कि विकास और नागरिकों के कल्याण से तय होती है।
पूर्व राजदूत मीरा शंकर ने कहा कि विकसित भारत की राह एक अत्यंत प्रतिस्पर्धी वैश्विक माहौल में तय होगी जहां आर्थिक आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी है। प्रो. धीरज शर्मा ने कहा कि विकसित भारत तभी संभव है जब देश में विकसित सोच, परिपक्वता, संतुलन और विनम्रता का विकास हो।
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उन्होंने कहा कि वैश्विक सुरक्षा को मजबूत करने की कोशिशें कई बार नई जटिलताएं पैदा कर देती हैं। हथियारों पर भारी निवेश हमेशा प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त नहीं देता। उन्होंने कहा कि डिजिटल और वित्तीय साक्षरता के बीच असंतुलन से आम नागरिक वित्तीय जोखिमों के प्रति ज्यादा असुरक्षित हो रहा है।
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लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा कि किसी भी देश की समृद्धि की नींव मजबूत आंतरिक और बाहरी सुरक्षा व्यवस्था पर टिकी होती है। ले. जनरल फिलिप कैंपोज (सेवानिवृत्त) ने कहा कि असली सुरक्षा केवल सैन्य ताकत से नहीं बल्कि विकास और नागरिकों के कल्याण से तय होती है।
पूर्व राजदूत मीरा शंकर ने कहा कि विकसित भारत की राह एक अत्यंत प्रतिस्पर्धी वैश्विक माहौल में तय होगी जहां आर्थिक आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी है। प्रो. धीरज शर्मा ने कहा कि विकसित भारत तभी संभव है जब देश में विकसित सोच, परिपक्वता, संतुलन और विनम्रता का विकास हो।