UP News: पांच गुना तक कम हुआ गृहकर दाखिल खारिज शुल्क, बैनामा व वसीयत दोनों पर मिलेगा फायदा; जानें सब कुछ
राजधानी में गृहकर दाखिल खारिज शुल्क पांच गुना तक कम हो गया है। बैनामा और वसीयत दोनों के आधार पर फायदा मिलेगा। दो महीने में लागू हो जाएगा। आगे पढ़ें पूरी खबर...
विस्तार
राजधानी लखनऊ में गृहकर दाखिल खारिज शुल्क पांच गुना तक कम हो गया है। नई दरें नियमावली के प्रकाशन के बाद लागू कर दी जाएंगी, क्योंकि तय की गईं दरों पर मांगने के बाद भी एक भी व्यक्ति ने आपत्ति नहीं की है और न ही कोई सुझाव दिया है। दरों को करीब दो महीने में आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर लागू कर दिया जाएगा। इसका फायदा करीब एक लाख भवनस्वामियों को मिलेगा।
करीब चार महीने पहले नगर निगम सदन और कार्यकारिणी ने गृहकर दाखिल खारिज शुल्क में कमी की थी। इसको लेकर प्रस्ताव पास किया गया था। प्रस्ताव के तहत लागू करने से पहले आपत्ति सुझाव लेकर नियमावली का प्रकाशन किया जाएगा, उसके बाद शुल्क की नई दरों को लागू किया जाएगा।
उसी के तहत नई दरों को लागू करने के लिए बीती चार दिसंबर को आपत्ति सुझाव सार्वजनिक सूचना जारी कर मांगे गए थे। इसके लिए 15 दिन का मौका दिया गया जो पूरा हो गया और एक भी आपत्ति या सुझाव नहीं आया है। ऐसे में अब जो दरें तय की गईं थीं उनमें कोई बदलाव नहीं होगा और वही लागू की जाएंगी।
बैनामा और वसीयत दोनों के आधार पर मिलेगा फायदा
नगर निगम अभी पारिवारिक संपत्ति के नामांतरण पर फिक्स 5000 रुपये फीस लेता है। यह फीस ईडब्ल्यूएस मकान वाले से लेकर बड़े मकान वालों तक के लिए एक समान है। जिसको लेकर लोग आपत्ति कर रहे थे। उसके बाद शासन ने इसे कम किया। जिसके बाद नगर निगम सदन ने भी शासन से जारी नई नियमावली के बाद कम किया।
इसी तरह बैनामा के आधार पर खरीदी जाने वाले संपत्तियों का भी दाखिल खारिज शुल्क और कम किया गया है। पहले यह एक प्रतिशत था जिसे बीते साल कम ही किया गया था। शासन की नई नियमावली जारी होने के बाद इसे फिर और कम किया गया। अब लागू करने के लिए आपत्ति सुझाव मांगे गए थे ताकि कोई कानूनी अड़चन न रहे।
बैनामा के आधार संपत्ति नामांतरण पर अभी नगर निगम लेता है यह शुल्क
- 05 लाख रुपये कीमत तक की संपत्ति पर- 3500 रुपये
- 05 लाख से अधिक से और 10 लाख रुपये कीमत तक -5500 रुपये
- 10 से अधिक और 20 लाख रुपये कीमत तक - 7500 रुपये
- 20 लाख से अधिक और 30 लाख रुपये कीमत तक - 9500 रुपये
- 30 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली सभी संपत्तियों पर - 10000 रुपये
अब तय हुआ यह शुल्क-
- 0 5 लाख रुपये कीमत तक- 1000 रुपये
- 05 से 10 लाख कीमत तक - 2000 रुपये
- 10 से 15 लाख कीमत तक- 3000 रुपये
- 15 से 50 लाख कीमत तक- 5000 रुपये
- 50 लाख से अधिक कीमत पर -10000 रुपये
उत्तराधिकार और वसीयत के मामलों में अब तय हुई शुल्क-
- 1000 वर्ग फीट तक के मकान पर - 1000 रुपये
- 1001 से 2000 वर्ग फीट तक के मकान पर - 2000 रुपये
- 2001 से 3000 वर्ग फीट तक के मकान पर - 3000 रुपये
- 3000 वर्ग फिट से अधिक के मकान पर - 5000 रुपये
नोट- अभी वसीयत और उत्तराधिकार के मामलों में सभी तरह के मकानों एक समान 5000 रुपये शुल्क लिया जाता है।
आपत्ति और सुझाव को दिया गया समय पूरा हो गया है। एक भी आपत्ति और सुझाव नहीं आया है। ऐसे में अब जो दरें तय की गईं भी अंतिम मानी जाएंगी। उनको ही लागू किया जाएगा। आपत्तियां इसलिए भी नहीं आईं क्योंकि शुल्क कम किया गया है और सभी वर्गों का ध्यान भी रखा गया है। यदि बढ़ने का मामला होता तो आपत्ति सुझाव आ सकते थे। -अशोक सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम
