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UP News: जिला पंचायत मैनपुरी में बड़ा खेल; बैंकों में नियमविरुद्ध खाते, निर्माण कार्यों में करोड़ों का हेरफेर

सूरज शुक्ला, अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: भूपेन्द्र सिंह Updated Tue, 23 Dec 2025 08:20 AM IST
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सार

जिला पंचायत मैनपुरी में बड़ा खेल सामने आया है। यहां न सिर्फ छह बैंकों में नियमविरुद्ध खाते खोले गए, बल्कि निर्माण कार्यों में करोड़ों का हेरफेर भी किया गया। पंचायती राज विभाग की 2019-20 की ऑडिट रिपोर्ट विधान परिषद के पटल पर रखी गई। 

illegal bank accounts and construction work worth crores of rupees in Mainpuri District Panchayat
घोटाला। सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
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उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत मैनपुरी में वर्ष 2018-19 के दौरान बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। पंचायती राज विभाग की वर्ष 2019-20 की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार जिला निधि के छह खाते नियमों को दरकिनार कर अलग-अलग बैंकों में खोले गए, जिनके माध्यम से धनराशि का दुरुपयोग किया गया। यह रिपोर्ट विधान परिषद के पटल पर रखी गई है।

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ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, जिला पंचायत मैनपुरी का जिला निधि खाता कोषागार के अतिरिक्त अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों और एक अनुसूचित बैंक समेत कुल छह बैंकों में खोला गया। इन खातों को खोलने की जानकारी न तो वित्त विभाग को दी गई और न ही किसी अन्य सक्षम विभाग को। 

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राज्य सरकार की अनुमति के बिना खाते खोलना गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। रिपोर्ट में निजी लाभ के उद्देश्य से खाते खोले जाने की आशंका जताई गई है। मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश तो दिए गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

52.64 लाख का निर्माण कार्य संदिग्ध

ऑडिट में सात ठेकेदारों द्वारा कराए गए सात निर्माण कार्यों को संदिग्ध पाया गया है। इन कार्यों के लिए 54.64 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इनमें राजीव गांधी नगर में रमेश शर्मा के घर तक सीसी सड़क, देवामई में लालाराम के घर तक सीसी, अमर सिंह के घर तक सीसी, सिरसागंज से आशीष के घर तक सीसी, सुरेंद्र के मकान से शिवनाथ के घर तक सीसी, भावत-कुर्रा मार्ग से ग्राम चिरहुआ तक लेपन कार्य तथा मैनपुरी-किशनी मार्ग से कुरारी प्राथमिक पाठशाला तक लेपन कार्य शामिल हैं। 

नियमों के अनुसार निर्माण कार्य शुरू होने, मध्यावधि और पूर्ण होने के समय की फोटो, निरीक्षण रिपोर्ट तथा उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है, लेकिन इन कार्यों में कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया। जांच में सभी कार्य संदिग्ध पाए गए। ठेकेदार श्याम सिंह, सर्वेश, कार्तिकेय, बालाजी, सीमादेवी और मनोज प्रधान से वसूली के आदेश दिए गए हैं।
 

2.64 करोड़ का कार्य भी सवालों के घेरे में...

विकास खंड बरनाहल, करहल, कुरावली, मैनपुरी, घिरोर, किशनी और जागीर में 2.64 करोड़ रुपये की लागत से सीसी मार्ग निर्माण कार्य कराए गए। ऑडिट में सामने आया कि ये कार्य जिला पंचायत द्वारा ग्राम पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करते हुए कराए गए, जबकि इसकी कोई वैधानिक स्वीकृति नहीं थी। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा शासन को दिया गया स्पष्टीकरण भी अस्वीकार्य पाया गया। इन कार्यों को भी संदिग्ध मानते हुए वसूली के आदेश जारी किए गए हैं।

1.46 लाख रुपये का कर दिया अधिक भुगतान

ऑडिट में सात अन्य कार्यों, पांच लेपन और दो सीसी निर्माण, में 1.46 लाख रुपये का अधिक भुगतान भी सामने आया है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि किस ठेकेदार को कितनी अतिरिक्त राशि दी गई। इस मामले में भी ब्याज सहित वसूली के आदेश दिए गए हैं।
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