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Lucknow News: आपदा में एकजुटता का अभ्यास
संवाद न्यूज एजेंसी, लखनऊ
Updated Fri, 19 Dec 2025 02:55 AM IST
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भूकंप या युद्ध के दौरान धराशायी इमारतों में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ
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लखनऊ। भूकंप या युद्ध के दौरान धराशायी इमारतों में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ ने गुरुवार को सैन्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया। छावनी स्थित आर्मी मेडिकल कोर (एएमसी) परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में बचाव कार्य का व्यावहारिक डिमॉन्सट्रेशन भी किया गया, जिसमें कुल 400 सैन्यकर्मियों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम एएमसी के परेड ग्राउंड में हुआ, जहां प्रशिक्षु और रेगुलर सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। एनडीआरएफ के उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के कुशल निर्देशन में 11 एनडीआरएफ क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र, लखनऊ की टीम ने पूरे अभ्यास का संचालन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एएमसी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल सिविंदर सिंह रहे। अध्यक्षता ऑफिसर्स ट्रेनिंग कॉलेज के कमांडेंट मेजर जनरल वीके पात्रा ने की।
इस अवसर पर 250 प्रशिक्षु सैन्य अधिकारियों और 150 रेगुलर अधिकारियों ने आपदा के समय बचाव कार्य की बारीकियां सीखीं। 40 सदस्यीय एनडीआरएफ टीम का नेतृत्व क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ के प्रभारी उपकमांडेंट अनिल कुमार पाल ने किया, जिसमें पांच अधिकारी और 34 प्रशिक्षित रेस्क्यूर शामिल थे।
फर्स्ट एड और त्वरित प्रतिक्रिया पर जोर डिमॉन्सट्रेशन के पहले चरण में एनडीआरएफ टीम ने दुर्घटना या आपदा के दौरान घायलों को त्वरित सहायता देने की प्रक्रिया दिखाई। इसमें एमसीआई ट्रायज, फर्स्ट एड और घायलों को सुरक्षित तरीके से अस्पताल भेजने की संपूर्ण प्रक्रिया को व्यावहारिक रूप में समझाया गया।
अत्याधुनिक उपकरणों की दी जानकारी
दूसरे चरण में भूकंप या युद्धजन्य विस्फोटों से गिरी बहुमंजिला इमारतों में चलाए जाने वाले रेस्क्यू अभियानों की जानकारी दी गई। टीम ने लाइन सर्च, हैलिंग मेथड, तकनीकी उपकरणों और श्वान दलों की मदद से खोजबीन की तकनीकें समझाईं। साथ ही कटिंग उपकरणों के जरिए मलबे में फंसे पीड़ितों तक पहुंचने की प्रक्रिया का भी प्रदर्शन किया गया। एनडीआरएफ द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले आधुनिक उपकरणों को सैन्य अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शित किया गया।
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कार्यक्रम एएमसी के परेड ग्राउंड में हुआ, जहां प्रशिक्षु और रेगुलर सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। एनडीआरएफ के उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के कुशल निर्देशन में 11 एनडीआरएफ क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र, लखनऊ की टीम ने पूरे अभ्यास का संचालन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एएमसी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल सिविंदर सिंह रहे। अध्यक्षता ऑफिसर्स ट्रेनिंग कॉलेज के कमांडेंट मेजर जनरल वीके पात्रा ने की।
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इस अवसर पर 250 प्रशिक्षु सैन्य अधिकारियों और 150 रेगुलर अधिकारियों ने आपदा के समय बचाव कार्य की बारीकियां सीखीं। 40 सदस्यीय एनडीआरएफ टीम का नेतृत्व क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ के प्रभारी उपकमांडेंट अनिल कुमार पाल ने किया, जिसमें पांच अधिकारी और 34 प्रशिक्षित रेस्क्यूर शामिल थे।
फर्स्ट एड और त्वरित प्रतिक्रिया पर जोर डिमॉन्सट्रेशन के पहले चरण में एनडीआरएफ टीम ने दुर्घटना या आपदा के दौरान घायलों को त्वरित सहायता देने की प्रक्रिया दिखाई। इसमें एमसीआई ट्रायज, फर्स्ट एड और घायलों को सुरक्षित तरीके से अस्पताल भेजने की संपूर्ण प्रक्रिया को व्यावहारिक रूप में समझाया गया।
अत्याधुनिक उपकरणों की दी जानकारी
दूसरे चरण में भूकंप या युद्धजन्य विस्फोटों से गिरी बहुमंजिला इमारतों में चलाए जाने वाले रेस्क्यू अभियानों की जानकारी दी गई। टीम ने लाइन सर्च, हैलिंग मेथड, तकनीकी उपकरणों और श्वान दलों की मदद से खोजबीन की तकनीकें समझाईं। साथ ही कटिंग उपकरणों के जरिए मलबे में फंसे पीड़ितों तक पहुंचने की प्रक्रिया का भी प्रदर्शन किया गया। एनडीआरएफ द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले आधुनिक उपकरणों को सैन्य अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शित किया गया।

भूकंप या युद्ध के दौरान धराशायी इमारतों में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ

भूकंप या युद्ध के दौरान धराशायी इमारतों में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ
