ध्यान योग कार्यक्रम: राज्यपाल बोलीं- मेडिटेशन से दूर होता तनाव, सिखाता है कि आत्मा अमर-अविनाशी
ब्रह्मकुमारीज संस्थान की ओर से आयोजित ध्यान योग कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंचीं हैं। आगे पढ़ें अपडेट...
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राजधानी लखनऊ में सुल्तानपुर रोड स्थित गुलजार उपवन में शुक्रवार को ब्रह्मकुमारीज संस्थान की ओर से राज्यस्तरीय ध्यान योग कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंचीं हैं। उनके साथ सीएम योगी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद हैं। मंच पर सीएम और राज्यपाल ने राष्ट्रपति का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। बिना पास और जांच के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया गया।
बच्चियों ने मयूर नृत्य से राष्ट्रपति का स्वागत किया। दीदियों को कलश और भाइयों को ध्वजा देकर राष्ट्रपति ने उन्हें सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ के रंगोली कलाकार हितेश ने उनके स्वागत में गुलजार दादी और राष्ट्रपति की खूबसूरत रंगोली बनाई है। संस्थान के अतिरिक्त महासचिव राजयोगी डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने बताया कि राष्ट्रपति के लिए एक विशेष कक्ष बनाया गया है, जहां वह कुछ देर ध्यान करेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़े सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को इस बड़े अभियान के लिए बधाई। राजयोग के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा का आप सभी प्रचार कर रहे हैं। यह केंद्र समाज को जोड़ने अहम भूमिका निभाएगा।
मेडिटेशन से दूर होता है तनाव- आनंदीबेन पटेल
उन्होंने कहा कि राजयोग से सुख, शांति, पवित्रता जैसे गुण स्वतः आने लगते हैं। मेडिटेशन हमें सिखाता है कि आत्मा अमर अविनाशी है। राजयोग एक अभ्यास नहीं, बल्कि संपूर्ण सकारात्मक जीवन शैली है। मेडिटेशन हमें शृष्टि के चक्र का बोध कराता है। वर्तमान परिस्थितियां हमारे कर्मों का ही कल है। यह अपने आप से मिलने की अनुभूति है। यह हमें स्वयं को सुनना और शांत होना सिखाता है।
आध्यात्मिक अनुभव से मृत्यु का डर पीछे छूट जाता है
राज्यपाल ने आगे कहा कि ब्रह्मकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थापना चुनौतीपूर्ण समय में हुई, जो वैश्विक चेतना का आरंभ था। विश्व शांति के लिए राजयोग बहुत जरूरी है। स्व परिवर्तन से ही जगत के परिवर्तन का रास्ता मिलता है। परिस्थितियों को दोष देने की प्रवत्ति पीछे छूट जाती है। आध्यात्मिक अनुभव से मृत्यु का डर भी पीछे छूट जाता है।रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
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