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विधानसभा में भर्ती प्रकरण : पसंदीदा कंपनी से कराई परीक्षा, मनमाफिक परिणाम निकला, कम अंक वाले भी हो गए चयनित

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: पंकज श्रीवास्‍तव Updated Fri, 22 Sep 2023 11:29 AM IST
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सार

विधान परिषद में भर्ती के लिए करीबी कंपनी से परीक्षा आयोजित की गई। ऑनलाइन परीक्षा में मनमाफिक परिणाम निकालकर भर्ती की रेवड़ियां बांटी गईं। विधान परिषद के प्रमुख सचिव राजेश सिंह के बेटे अरवेंदु और अरचेंधु सिंह का चयन हो गया।

Recruitment issue in Assembly: Examination conducted from preferred company
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विधान परिषद में भर्ती के लिए करीबी कंपनी से परीक्षा आयोजित की गई। ऑनलाइन परीक्षा में मनमाफिक परिणाम निकालकर भर्ती की रेवड़ियां बांटी गईं। विधान परिषद के प्रमुख सचिव राजेश सिंह के बेटे अरवेंदु और अरचेंधु सिंह का चयन हो गया।

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विधान परिषद में समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी, रिपोर्टर सहित अन्य पदों पर भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा की परतें अब खुलने लगी हैं। याचिका में बताया गया कि किस तरह अपेक्षाकृत कम योग्य अभ्यर्थियों को भी चयनित किया गया है। भर्ती परीक्षा कराने के लिए लोक सेवा आयोग या सचिवालय सेवा के भर्ती नियमों का पालन भी नहीं किया गया।
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गोरखपुर के परीक्षा केंद्र पर गड़बड़ी
याचिका में बताया गया है कि गोरखपुर के एक परीक्षा केंद्र पर सुबह 9-11 बजे तक परीक्षा होनी थी। लेकिन अभ्यर्थियों को समय से पहले ही ओएमआर शीट और प्रश्न पत्र वितरित कर दिए गए।

आठ प्रश्न हल करने पर भी हो गया पास
याचिका में बताया गया है कि अनिरुद्ध यादव नाम के अभ्यर्थी ने परीक्षा में मात्र 8 प्रश्न हल किए थे। इसके बाद भी उन्हें लिखित परीक्षा में सफल घोषित किया गया।

चयन कंपनी भी संदेह के दायरे में
विधान परिषद में भर्ती के लिए नामित टीएसआर डाटा प्रोसेसिंग प्रा. लि. कंपनी भी संदेह के दायरे में है। कंपनी के एक निदेशक की पत्नी भावना यादव का भी परिषद में समीक्षा अधिकारी के पद पर चयन हुआ है। कंपनी को परिषद के एक पूर्व सभापति का करीबी भी बताया गया है।

तीन कोड पर रहेगी नजर
भर्ती की सूची में एस-सचिवालय, एसपी- एसपी सिंह, आरपी-आरपी सिंह और एआर- आशीष राय का कोड चला। जानकारों का मानना है कि एस का मतलब सचिवालय के किसी कर्मचारी का रिश्तेदार था। वहीं एसपी, आरपी और एआर का मतलब उनकी सिफारिश पर भर्ती था।

सीबीआई जांच का तोड़ तलाशने में जुटे अधिकारी
विधान परिषद के सूत्रों के मुताबिक परिषद के अधिकारी सीबीआई जांच की तोड़ तलाशने में जुटे हैं। प्रमुख सचिव विधान परिषद राजेश सिंह ने विधानसभा के साथ विधायी कार्य और विधि एवं न्याय विभाग से संबंधित अधिकारियों से रायशुमारी की है।

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