Parliament: राजदंड की स्थापना में केवल ब्राह्मण गुरुओं को बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण... ये क्या बोले स्वामी प्रसाद
सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने संसद में सेंगोल राजदंड की स्थापना पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा देश को राजतंत्र की तरफ ले जाना चाहती है।


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सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को नई संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उद्घाटन समारोह में सिर्फ दक्षिण भारत के ब्राह्मण धर्मगुरुओं को बुलाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। अगर भाजपा को पंथनिरपेक्ष संप्रभु-राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्म गुरुओं को आमंत्रित करती। उन्होंने संसद में सेंगोल की स्थापना पर कहा कि भाजपा देश को राजतंत्र के रास्ते पर ले जा रही है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया कि सेंगोल राजदंड की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार का यदि पंथनिरपेक्ष संप्रभु-राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्म गुरुओं यथा- बौद्ध धर्माचार्य (भिक्षुगण), जैन आचार्य (ऋषि), गुरु ग्रंथी साहब, मुस्लिम धर्मगुरु (मौलाना), ईसाई धर्मगुरु (पादरी) आदि सभी को आमंत्रित किया जाना चाहिए था। ऐसा न कर भाजपा अपनी दूषित मानसिकता और घृणित सोच को दर्शाया है। यद्यपि भाजपा सरकार सेंगोल राजदंड की स्थापना कर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है अपितु दक्षिण के ब्राह्मण धर्मगुरुओं को बुलाकर ब्राह्मणवाद को भी स्थापित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है।
सेंगोल राजदंड की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार का यदि पंथनिरपेक्ष संप्रभु-राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्म गुरुओं यथा- बौद्ध धर्माचार्य (भिक्षुगण), जैन आचार्य (ऋषि), गुरु ग्रंथी साहब,…
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) May 28, 2023
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स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर विवादित बयान देते रहते हैं। वह समाजवादी पार्टी से विधान परिषद सदस्य हैं। इसके पहले उन्होंने रामचरितमानस को लेकर भी विवादित बयान दिया था।
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया। इस मौके पर पूजन के लिए दक्षिण भारत से हिंदू धर्मगुरुओं को बुलाया गया था।