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UP Budget Session: महंगाई-बेरोजगारी पर सपा का हंगामा, शपथ लेने के बाद रामपुर लौटे आजम खां, कसा मुलायम पर तंज

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: पंकज श्रीवास्‍तव Updated Mon, 23 May 2022 09:10 PM IST
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सार

योगी सरकार 2.0 चुनाव में मिली जीत के साथ केंद्र व प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को बजट सत्र के दौरान सदन में रखकर अपनी आगामी योजनाएं बताएगी। इसके साथ ही 26 मई को वर्तमान वित्तीय वर्ष का करीब छह लाख करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया जाएगा।

UP Budget Session: Assembly Speaker Satish Mahana administered oath to Azam Khan and Abdullah
सपा के लाल टोपी के विरोध में भाजपा के विधायक भगवा टोपी में। - फोटो : amar ujala

विस्तार
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महंगाई, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और छुट्टा पशुओं के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे व नारेबाजी के बीच राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 18वीं विधानसभा के पहले सत्र में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में अभिभाषण पढ़ा। राज्यपाल ने कहा कि बीते पांच वर्षों में योगी सरकार 1.0 ने प्रदेश में विकास की नींव डालने का काम किया था और आगामी पांच वर्षों में सरकार इस पर विकास की भव्य इमारत खड़ी करेगी।

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विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, विधान परिषद के सभापति मानवेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सोमवार सुबह 11.05 बजे राज्यपाल जैसे ही सदन में पहुंची, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा व रालोद के विधायक हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर वेल में आ गए। सभी नारेबाजी व हंगामा करने लगे।
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राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाते हुए विधायक वेल की ओर बढ़े तो मार्शल ने उन्हें रोक लिया। इस पर उन लोगों ने सरकार को संविधान व अल्पसंख्यक विरोधी बताते हुए, झूठ बोलने, भ्रष्टाचार, महंगाई, पुरानी पेंशन बहाली आदि मुद्दों पर हंगामा किया। सपा की महिला विधायकों ने महिला अत्याचार के मुद्दे पर नारे लिखे रेनकोट पहनकर प्रदर्शन किया। राज्यपाल के पूरे एक घंटे एक मिनट व 15 सेकंड के अभिभाषण के दौरान हंगामा जारी रखा।

राज्यपाल ने कहा कि सरकार प्रदेश के विकास के लिए निवेश बढ़ाने, आधारभूत संरचना सुदृढ़ करने व प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने का कार्य कर रही है। सरकार ने सेक्टरवार 100 दिन, छह माह, एक, दो व पांच साल की कार्ययोजना तैयार की है। विकास को नई ऊंचाइयां देने के लिए परियोजनाओं के क्रियान्वयन की टाइमलाइन तय करते हुए कार्य किए जाएंगे। सरकार परफॉमेंस आधारित कार्यों पर फोकस करेगी।

सरकार पारदर्शी और जवाबदेह शासन दिलाने के लिए तत्पर
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा में अभिभाषण के दौरान कहा कि पहले की तरह सरकार पारदर्शी और जवाबदेह शासन, ईमानदार और संवेदनशील प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए तत्पर रहेगी। इसके लिए सरकार ने 18 मंत्री समूह गठित कर उन्हें सरकार आपके द्वार अभियान के जरिए जिलों में भेजा है। समाज के कमजोर वर्गों को सम्मानित लोगों का खास ध्यान रखते हुए उनकी समस्याओं के समाधान का विशेष प्रयास किया जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 में जो वादे किए हैं उन्हें पूरा करने के लिए सरकार संकल्पित है। सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के आधार पर काम करेगी। राज्यपाल ने योगी सरकार 1.0 की उपलब्धियां भी प्रस्तुत की और उम्मीद जताई कि सभी विधायक प्रदेश की जनता के हित में सरकार का सहयोग कर उन आकांक्षाओं को पूरा करने में योगदान देंगे।

अभिभाषण के दौरान बिजली गुल
अभिभाषण के दौरान विधानसभा में बिजली गुल हो गई। हालांकि एक सेकंड में ही बिजली वापस आ गई। इस पर सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि पूरा प्रदेश बिजली संकट से जूझ रहा है, यह इसका सबसे बड़ा प्रमाण है।

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विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, अब्दुल्ला और आजम खां - फोटो : अमर उजाला

राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र शुरू होने के बाद सपा ने तमाम मुद्दों पर भाजपा को घेरने की कोशिश करते हुए जबरदस्त हंगामा किया। उधर, आजम खां ने बेटे अब्दुल्ला के साथ सुबह दस बजे विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के दफ्तर में विधायक पद की शपथ ली। आजम खां ने मुलायम सिंह यादव पर तंज कसते हुए कहा कि, हो सकता है उनके पास मेरा नंबर न हो, इसलिए उन्होंने अब तक हालचाल नहीं लिया।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व अब्दुल्लाह आज़म के बीच विधान भवन कार्यालय में बातचीत हुई। शपथ ग्रहण के बाद आजम खां तत्काल रामपुर रवाना हो गए। वहीं शिवपाल यादव, अब्दुल्ला आजम हंगामे में शामिल नहीं हुए। इसके अलावा दोनों ने लाल टोपी नहीं पहनी और दोनों अपनी सीट पर शांति से बैठे हैं। रालोद के विधायक के अलावा बसपा के विधायक और एमएलसी ने जोरदार प्रदर्शन किया।

अभिभाषण के दौरान सुभासपा के नेता ओमप्रकाश राजभर सहित उनके सभी छह विधायक हंगामे से दूर अपनी सीटों पर बैठे रहे। विधानसभा चुनाव में सुभासपा सपा गठबंधन में शामिल थी।

दोबारा पारित करानी पड़ी कार्यमंत्रणा समिति की सिफारिश
विधानसभा में पहले ही दिन कार्यमंत्रणा समिति की सिफारिशों को संशोधित रूप में दोबारा सदन से पारित कराना पड़ा। हुआ यूं कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कार्यमंत्रणा समिति की 22 मई को हुई बैठक के निर्णय के आधार पर 23 से 31 मई तक सदन के कार्यक्रमों की सिफारिशों को मंजूर कराने का प्रस्ताव रखा। विधानसभा अध्यक्ष ने हां पक्ष और ना पक्ष के ध्वनिमत के आधार पर सिफारिशों को सर्वसम्मति से पारित करने की घोषणा की। इसी बीच बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने आपत्ति जताते हुए कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में 28 मई तक के कार्यक्रम तय हुए हैं जबकि विधानसभा से 31 मई तक के कार्यक्रमों का प्रस्ताव पारित कराया गया है।

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने भी उमाशंकर सिंह की बात का समर्थन किया। विधानसभा अध्यक्ष ने खन्ना को संशोधित प्रस्ताव रखने को कहा। खन्ना ने कार्यमंत्रणा समिति की ओर से 23 से 28 मई तक के लिए निर्धारित कार्यक्रमों की सिफारिश को मंजूर करने का प्रस्ताव रखा। सदन ने संशोधित प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया।

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