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छांगुर बाबा की कहानी: कागजी ट्रस्ट से जुटा रहा था फंड, बिना दुबई गए ही वहां की सरकार से जारी हुआ ये प्रमाणपत्र

अमर उजाला नेटवर्क, बलरामपुर Published by: शाहरुख खान Updated Tue, 08 Jul 2025 12:58 PM IST
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सार

बलरामपुर के जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को लेकर एटीएस की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ जिसमें नवीन रोहरा, नीतू नवीन रोहरा और नवीन की बेटी का धर्म परिवर्तन दुबई से कराया जाना दिखाया गया। दुबई में 16 नवंबर 2015 को अल फारूक्यू कमर बिन खताब सेंटर में धर्मांतरण किया गया, जिसे दुबई सरकार के इस्लामिक अफेयर एवं चैरिटेबल एक्टिविटी डिपार्टमेंट से प्रमाणित किया गया।

Balrampur News Changur Baba Fake Trusts Raised Funds, Dubai Govt Issued Certificate Without Visit
Changur Baba - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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अवैध धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर का गिरोह संगठित रूप से कार्य कर रहा था। पारिवारिक समस्या हो या फिर गरीबी से परेशान लोगों को तलाशने के साथ ही छांगुर के फंड को खपाने की रणनीति भी तैयार होती थी। 
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चंदा जुटाने व उसे विदेश भेजने के लिए बाकायदा ट्रस्ट और संस्थाएं तैयार की गईं थीं। छांगुर ने आस्वी इंटरप्राइजेज, आस्वी चैरिटेबल ट्रस्ट, आसिपिया हसनी हुसैनी कलेक्शन, बाबा ताजुद्दीन आस्वी बुटीक जैसी संस्थाओं को कागजों में तैयार किया। 
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दो बैंकों में इन संस्थाओं के आठ खाते खुलवाए। छांगुर ने अपने एक बैंक खाते से विदेशी खाते में छह लाख रुपये जमा किए। इसके साथ ही नेफ्ट के माध्यम से 10 लाख रुपये जमा किए। छांगुर के सहयोगियों के खातों से भी लेनेदन होता रहा है। 

छांगुर ट्रस्ट के माध्यम से इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार भी कर रहा था। छांगुर की धर्मांतरण मुहिम को पुणे के एक प्रभावशाली व्यक्ति इदुल इस्लाम की मदद मिलती थी, जिससे छांगुर पूरे देश में पांव पसारने की तैयारी में था। 

एटीएस की जांच के अनुसार, छांगुर देश के कई प्रदेशों में जमीन खरीद कर अपना ठिकाना बना रहा था जिसके लिए वह लगातार धन जुटा रहा था। 

बिना दुबई गए ही दुबई सरकार से जारी हुआ धर्म परिवर्तन का प्रमाणपत्र
एटीएस की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ जिसमें नवीन रोहरा, नीतू नवीन रोहरा और नवीन की बेटी का धर्म परिवर्तन दुबई से कराया जाना दिखाया गया। दुबई में 16 नवंबर 2015 को अल फारूक्यू कमर बिन खताब सेंटर में धर्मांतरण किया गया, जिसे दुबई सरकार के इस्लामिक अफेयर एवं चैरिटेबल एक्टिविटी डिपार्टमेंट से प्रमाणित किया गया। एटीएस को पासपोर्ट की जांच से पता चला कि नवीन, नीतू आदि 16 नवंबर 2015 को दुबई में थे ही नहीं। ऐसे में धर्मांतरण की प्रक्रिया भी सवालों से घिर गई है।

 

आजमगढ़ में बना रहा था ठिकाना
आजमगढ़ के देवगांव में छांगुर के रिश्तेदार व सहयोगियों पर अवैध धर्मांतरण कराने के मामले की एफआईआर दर्ज है। वर्ष 2023 में यह मुकदमा दर्ज हुआ था जिसमें छांगुर के भतीजे सबरोज, रशीद, साले का लड़का शहाबुद्दीन तथा रिश्तेदार गोंडा के रेतवागाड़ा निवासी रमजान को नामजद करते हुए 18 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इससे साफ है कि आजमगढ़ में छांगुर अपना ठिकाना बना रहा था।

मोहम्मद अहमद के खिलाफ वारंट जारी, तलाश तेज
छांगुर के एक और करीबी चर्चा में हैं, उतरौला के मोहम्मद अहमद खान का नाम भी जुड़ा है। उनके खिलाफ गोमतीनगर थाने में वर्ष 2019 में दर्ज हुई एफआईआर में गिरफ्तारी का आदेश जारी हुआ है। 

 

04 जुलाई को लखनऊ के एसीजेएस प्रथम न्यायालय में सुनवाई थी। मोहम्मद अहमद पेश नहीं हुआ जिस पर न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। स्थानीय पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

यूपी के बलरामपुर के रेहरामाफी का रहने वाला है छांगुर, ऐसे बढ़ता गया रुतबा
छांगुर मूल रूप से रेहरामाफी गांव का रहने वाला है। वहीं से उसने अंगूठी-नग बेचने का काम शुरू किया था। सियासत में दांव आजमाने के लिए 2015 में पंचायत चुनाव में उतरा और प्रधान बना। यहीं से उसका दबदबा बढ़ने लगा। गांव के कई लोग उससे जुड़ने लगे। तभी उसने धर्म परिवर्तन कराकर अपनी साख बनाने की सोची। 

 

साथ ही सियासत में बेटे महबूब को मजबूत करने की रणनीति बनाई। वर्ष 2022 के पंचायत चुनाव में बेटे महबूब को प्रधान के पद पर चुनाव लड़ाया, मोटी रकम भी खर्च की मगर जीत नहीं हो सकी। नवीन और नीतू का धर्म परिवर्तन कराने के बाद छांगुर के पास पैसे की कमी दूर हो गई। 

 

वह बेटे को पंचायत की ही सियासत में सफल बनाने की योजना पर काम कर रहा था। इसी दौरान वह एटीएस के शिकंजे में आ गया। अब उसकी मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
 

कीपैड वाला मोबाइल रखता था छांगुर बाबा
धर्म परिवर्तन के बाद नवीन रोहरा और नीतू ही छांगुर बाबा के बगलगीर थे। बाबा तो कीपैड वाला साधारण मोबाइल ही रखता था। नीतू एंड्रायड मोबाइल रखती थी। यही नहीं छांगुर बाबा को नवीन ही लग्जरी वाहन से लेकर चलता था। वह वाहन चलाता था और नीतू हमेशा साथ ही रहती थी। 

 

छांगुर बाबा गैंग के सदस्य 40 बार इस्लामिक देशों की यात्रा पर गए
एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि एटीएस की छानबीन में छांगुर बाबा और उसके गैंग के सदस्यों द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक रकम जुटाने के सबूत मिले हैं, जिसकी विस्तृत रिपोर्ट ईडी को भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि उसके गैंग के सदस्यों ने खुद एवं अलग-अलग संस्थाओं के नाम से 40 से भी ज्यादा बैंक खाते खुलवाए थे, जिनके जरिये कई संदिग्ध खातों में रकम ट्रांसफर की गई है। 

 

इन खातों का संचालन कई दूसरे राज्यों में हो रहा है। वहीं दूसरी ओर उसके गैंग के सदस्य 40 बार इस्लामिक देशों में यात्रा पर गए थे, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि उनके तार अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से भी जुड़े हैं। इसका पता लगाने के लिए उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
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