UP: संगम के मंच पर बोले कुमार विश्वास, राजनीति में बढ़ती जा रही है अस्वीकार्यता; विपक्षी कभी विरोधी नहीं होता
Amar Ujala Sangam: अमर उजाला संगम कार्यक्रम में आए कुमार विश्वास ने राजनीति की वर्तमान दशा पर कमेंट भी किया और चुटकी भी ली।
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विश्वास ने कहा कि एक समय था जब राजनीति में स्वीकार्यता बहुत थी, लेकिन अब समस्या यह आ गई है कि राजनीति में अस्वीकार्यता बढ़ती जा रही है जो बहुत घातक है। राजनीति पर चुटीली टिप्पणियों के जरिये उन्होंने सरकारों को भी आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि राजनीति से जो ठहाका या चुलबुलापन गायब हो रहा है, उसे कायम रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है।
आजकल लोकतंत्र में निर्णय संख्या से होने लगे हैं और गुणवत्ता पीछे छूट गई है। हमारी औकात श्रोताओं से ही है। इसलिए हम तो श्रोताओं के लिए ही लिखते और सुनाते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोग तो हमें अपने फायदे के लिए ही बुलाते हैं। सत्ता या राजनीति के लिए कभी ट्रॉफी मत बनो क्योंकि अपना काम निकल जाने के बाद वे आपको भूल जाएंगे। उन्होंने कहा कि जनता जो सवाल सीधे सत्ता से नहीं कर पाती है, उसके लिए वे कवि को अपना प्रतिनिधि मानते हैं और यह सोचते हैं कि कवि हमारी बात जोरदार तरीके से कहेगा।
अमर उजाला की खबर ने पिताजी को जेल भिजवाया था
कुमार विश्वास ने बताया कि इमरजेंसी के दौरान 1977 में अमर उजाला की वजह से मेरे पिता को जेल हो गई थी। उन्होंने बताया कि मेरे पिता का एक लेख अमर उजाला में प्रकाशित हुआ था, जिसके बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उन्हें जेल में डाल दिया था।
इमरजेंसी के दौरान अमर उजाला ने डटकर किया मुकाबला
विश्वास ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान हिंदी अखबारों में अमर उजाला ही इकलौता समाचार पत्र था जिसने सरकार से लोहा लिया। अमर उजाला ने सच को सच लिखा। एक समय ऐसा भी आया कि जब सरकार ने संस्थान की बिजली काट दी तो अमर उजाला ने ट्रैक्टर से मोटर चलाकर अखबार निकाला था।
दिल्ली में प्रदूषण पर भी की टिप्पणी
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर कहा कि जब पहले दूसरी सरकारें थीं तो विपक्ष के लोग तंज कसते थे, लेकिन आज मेयर से लेकर प्रधानमंत्री तक उनका ही है तो हालात क्यों नहीं सुधर रहे। उन्होंने कहा कि जनता मूलरूप से राजा या सरकार के खिलाफ नहीं होती बल्कि वे तो उस दर्द के खिलाफ होते हैं जो तत्कालीन सरकारों के समय में उन्हें मिलता है।
