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Balaghat: SP ने आदेश को नहीं लिया गंभीरता से, HC ने DGP को सौंपी जांच, जांच अधिकारी-थाना प्रभारी लपेटे में

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, बालाघाट Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 26 Mar 2024 08:21 PM IST
सार

बालाघाट निवासी अतुल मंडलेकर की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि साल 2014 में उसकी शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था।

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Balaghat SP did not take order seriously HC handed over investigation to DGP
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर - फोटो : सोशल मीडिया
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मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने बालाघाट जिले में दर्ज एक आपराधिक मामले की जांच पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिगत रूप करने के आदेश जारी किये हैं। हाईकोर्ट जस्टिस जीएस अहलूवालिया पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और एक महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। एकलपीठ ने डीजीपी को निर्देशित किया है कि वह तत्कालीन जांच अधिकारी तथा थाना प्रभारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करें।

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बालाघाट निवासी अतुल मंडलेकर की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि साल 2014 उसकी शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था। कोतवाली पुलिस द्वारा प्रकरण में साल 2017 को क्लोजर रिपोर्ट दायर की गयी थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया और नए सिरे से जांच के आदेश दिए। सीजेएफ द्वारा क्लोजर रिपोर्ट खारिज किये जाने के बावजूद भी पुलिस द्वारा जांच नहीं किये जाने को याचिका में चुनौती दी गयी थी।
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याचिका की सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने पुलिस अधीक्षक बालाघाट को जांच के संबंध में हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया। एकलपीठ ने सुनवाई दौरान पाया कि बालाघाट एसपी ने आदेश को गंभीरता से नहीं लिया और जांच एडिशनल एसपी को सौंप दी। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि पुलिस अधिकारी न्यायालय के आदेशों को गंभीरता से लेने के लिए तैयार नहीं हैं और यदि वे अपने ही विभाग द्वारा की जा रही गलतियों का एहसास करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो इस न्यायालय के पास पुलिस महानिदेशक को निर्देश देने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता है। वह जांच स्वयं करें ताकि उन्हें उन दुर्भावनापूर्ण कार्यों का एहसास हो सके, जो उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा किए जा रहे हैं, जिससे नागरिकों के अधिकारों को खतरे में डाला जा रहा है।

एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस महानिदेशक जांच स्वयं करें और यह जिम्मेदारी वह किसी अन्य अधिकारियों को नही सौंपेगे। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि तत्कालीन जांच अधिकारी तथा थाना प्रभारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किये है। एकलपीठ ने अपने आदेश में डीजीपी को जांच करने और बालाघाट एसपी, एडिशनल एसपी, डीएसपी, कोतवाली थाने के वर्तमान व तत्कालीन जांच अधिकारी की जिम्मेदारी तय करने निर्देश भी जारी किये है।

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