टैगोर के तीखे तेवर: दिग्विजय सिंह ने आरएसएस वाली टिप्पणी पर दी दो टूक सफाई, कांग्रेस के भीतर सियासी बहस तेज
आरएसएस से जुड़े ट्वीट को लेकर कांग्रेस के भीतर मतभेद सामने आए हैं। मणिकम टैगोर के तीखे सवालों के बीच दिग्विजय सिंह को अपनी टिप्पणी पर दोबारा सफाई देनी पड़ी है। चलिए जानते हैं, उन्होंने क्या कहा है...?
विस्तार
'कांग्रेस को अपनी 140 साल पुरानी विरासत भरोसा करना चाहिए'
तमिलनाडु के विरुधुनगर से सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मणिकम टैगोर ने कहा कि आरएसएस नफरत फैलाने वाला संगठन है और उससे किसी तरह की सीख लेने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने तीखी तुलना करते हुए कहा कि जैसे अलकायदा जैसे संगठनों से कुछ सीखना संभव नहीं है, वैसे ही आरएसएस से भी सीखने की बात नहीं की जा सकती। टैगोर ने कहा कि कांग्रेस को अपनी 140 साल पुरानी विरासत और आंदोलनकारी परंपरा पर भरोसा करना चाहिए।
मणिकम टैगोर ने यह भी कहा कि भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने कांग्रेस को नई ऊर्जा दी है और राहुल गांधी जनता के मुद्दों पर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे समय में इस तरह के बयान पार्टी की लड़ाई को कमजोर करते हैं और संगठन को नुकसान पहुंचाते हैं।
#WATCH | Bhopal, Madhya Pradesh: On Congress leader Manickam Tagore’s statement, Congress MP Digvijaya Singh says, "...People have expressed their own opinions. I don't want to say anything about this."
On the party's foundation Day, he says, "Many congratulations to everyone." https://t.co/Wrncii5rwN pic.twitter.com/JIofsKttTL — ANI (@ANI) December 28, 2025
'हर व्यक्ति को अपनी राय रखने का अधिकार है'
इधर, दिल्ली से भोपाल लौटते समय एयरपोर्ट पर दिग्विजय सिंह ने विवाद को ज्यादा तवज्जो न देते हुए कहा कि हर व्यक्ति को अपनी राय रखने का अधिकार है और वह इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। भाजपा में शामिल होने से जुड़े सवाल पर उन्होंने मुस्कराते हुए इसे पूरी तरह खारिज कर दिया।
वहीं, रविवार को दिल्ली में दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि पार्टी में विचारधारा को लेकर कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि संगठन सृजन का मूल उद्देश्य जमीनी स्तर तक संगठन को मजबूत करना है। राहुल गांधी ने जिला स्तर से जो प्रक्रिया शुरू की है, अब उसे बूथ स्तर तक ले जाया जाएगा।
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जानें दिग्विजय सिंह ने क्या लिखा था
गौरतलब है कि शनिवार को दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए लिखा था कि किस तरह आरएसएस का एक जमीनी स्वयंसेवक संगठन की ताकत के बल पर प्रदेश का मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री बना। उन्होंने इसे संगठन की शक्ति का उदाहरण बताया था। इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस के भीतर संगठन, विचारधारा और रणनीति को लेकर बहस तेज हो गई है, जबकि भाजपा इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर लगातार हमलावर बनी हुई है।

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