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Chhindwara News: डिप्थीरिया से एक बच्चे की मौत, तीन का इलाज जारी, छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में मचा हड़कंप
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छिंदवाड़ा
Published by: छिंदवाड़ा ब्यूरो
Updated Fri, 20 Jun 2025 10:55 PM IST
सार
छिंदवाड़ा जिले के दलेलढाना गांव में डिप्थीरिया फैलने से एक मासूम की मौत हो गई, जबकि तीन बच्चे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। सभी बिना टीकाकरण के थे। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया है और WHO ने जांच के लिए नमूने भोपाल भेजे हैं।
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फाइल फोटो
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विस्तार
छिंदवाड़ा जिले में डिप्थीरिया (गलघोंटू) बीमारी ने दस्तक दे दी है। तामिया क्षेत्र के दलेलढाना गांव से एक ही परिवार के चार बच्चों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया। इनमें से छह वर्षीय मासूम की मौत हो गई, जबकि तीन बच्चे जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। मरीजों की हालत को देखते हुए मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया। डॉक्टरों की विशेष टीम बच्चों का इलाज कर रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नमूने लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे हैं।
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6 साल के मासूम ने तोड़ा दम, तीन भाई-बहन भर्ती
गांव के निवासी दुखलाल काकोड़िया के छह बच्चों में से चार को कई दिनों से तेज बुखार, गले में दर्द और सूजन की शिकायत थी।परिजन पहले बच्चों को स्थानीय अस्पताल ले गए, जहां से उन्हें तुरंत जिला अस्पताल रेफर किया गया। जैसे ही चारों बच्चों को अस्पताल लाया गया, राजकुमार (6) की मौत हो चुकी थी। अस्पताल स्टाफ उसे मृत अवस्था में लेकर पहुंचा। बाकी तीन बच्चे – सपना (14), समित (8) और अंकित (10) को तत्काल पीकू वार्ड में भर्ती किया गया।
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बिना टीकाकरण के थे सभी बच्चे
परिजनों ने बताया कि बच्चों को किसी भी तरह का टीका नहीं लगाया गया था। यह लापरवाही अब पूरे परिवार पर भारी पड़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिप्थीरिया से बचाव का सबसे सुरक्षित उपाय समय पर टीकाकरण है।
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स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव रवाना
एक साथ चार बच्चों के बीमार और एक की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया। आएमओ डॉ. हर्षवर्धन कोड़ापे ने बताया कि जिला अस्पताल में भर्ती बच्चों के इलाज के साथ ही गांव में विशेष स्वास्थ्य टीम रवाना कर दी गई है। यह टीम न सिर्फ काकोड़िया परिवार के अन्य सदस्यों की जांच करेगी, बल्कि पूरे गांव में स्क्रीनिंग अभियान भी चलाएगी। लक्षण मिलने पर अन्य बच्चों को भी अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।
WHO की टीम ने लिए सैंपल, भेजे भोपाल
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम भी मौके पर पहुंची। बच्चों के सैंपल लिए गए, जिन्हें जांच के लिए भोपाल की प्रयोगशाला भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही पुष्टि हो सकेगी कि बच्चों में संक्रमण किस स्तर का था।
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डिप्थीरिया क्या है? कैसे फैलता है?
डिप्थीरिया एक जीवाणु जनित संक्रमण है, जो गले और श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। यह कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक बैक्टीरिया से होता है और एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या उसकी छींक-खांसी से फैल सकता है। गले में तेज दर्द और सूजन, बुखार, थकान, सांस लेने में तकलीफ, निगलने में परेशानी, गर्दन की ग्रंथियों में सूजन, गंभीर मामलों में दिल, किडनी और तंत्रिका तंत्र पर असर जैसे लक्षण होते हैं।
डॉक्टरों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर इलाज और एंटीबायोटिक देने से डिप्थीरिया को रोका जा सकता है। लेकिन इलाज में थोड़ी सी देरी भी जानलेवा हो सकती है।

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